क्या है सोशल फोबिया या सोशल एंग्जायटी | What is Social Anxiety in Hindi
दूसरों के सामने जाने से डरना या भीड़ वाले स्थानों पर जाने में घबराहट या चिंता होना या किसी के सामने कुछ भी करने मैं डर लगना को सोशल फोबिया सोशल एंजाइटी के के नाम से जाना जाता है| जिसमें आप दूसरों से बात करने में, नए लोगों से मिलने में, किसी के सामने बोलने मैं, किसी के सामने जाने में, या किसी के सामने खड़े होने में या लिखने के इलावा भीड़ वाली जगह पर जाने से जैसे पार्टी, शादी, फंक्शन या स्टेज पर जाने में घबराते या डरते हैं| आपकी परेशानी का आपको तो पता होता है लेकिन आप उसे कंट्रोल करने में असमर्थ रहते हैं और कुछ भी करके दूसरों के लिए अपने मन से डर या घबराहट नहीं निकाल पाते| इसके साथ आपको सोशल फोबिया होने पर ऐसा भी लगता है कि दूसरे आपके बारे में क्या सोचेंगे या क्या दूसरे आपको कुछ कह तो नहीं देंगे| ऐसी बातें सोच सोच कर आप दूसरों के सामने जाने से या दूसरों का सामना करने से घबराते हैं और डरते हैं और अपनी इस कमजोरी को आप बीमारी समझकर मानसिक रूप से परेशान और तनाव में रहते हैं|
सोशल फोबिया होने की स्थिति में आप ज्यादातर अकेला ही रहना पसंद करते हैं और इसका प्रभाव आपके रिश्तो यह सामाजिक जीवन पर बहुत अधिक पड़ता है| इसके अलावा अकेले रहने से आपको अंदर ही अंदर घुटन होने लगती है क्योंकि बहुत कम लोग इसके बारे में दूसरों से बात करते हैं| कम उम्र के लड़कों या लड़कियों के साथ ऐसा होने से वह स्कूल, जॉब, मीटिंग, शादी में जाने से पहले चिंतित रहते हैं यहां तक कि कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि उनके घर में भी कोई ना आये ताकि उनको किसी से बात ना करनी पड़े| जो लोग सोशल फोबिया से ग्रसित होते हैं उनको दूसरों की छोटी सी कहीं बात के दिल पर लगती है और वह उसी बारे में कई घंटों या दिनों तक सोचते रहते हैं|
शर्म आना या शर्माना और सोशल फोबिया में क्या अंतर होता है? difference between shyness and social phobia in Hindi
कुछ लोग और उनके घर वाले सोशल फोबिया को ज्यादा शर्मिला होना समझ लेते हैं लेकिन ज्यादा शर्मिला होना या सोशल फोबिया में बहुत अंतर होता है जैसे यदि आपको किसी के सामने जाने में शर्म आती है, नए स्कूल या नए लोगों से मिलने में आपको पहली बार शर्म आती है या आप किसी अनजान व्यक्ति से शर्माते हैं जो कि एक सामान्य बात है और समय बीतने के साथ जब आप कंफर्टेबल हो जाते हैं सब आपकी शर्म दूर हो जाती है और आप भी सामान्य हो जाते हैं| इसके विपरीत जिन लोगों को सोशल फोबिया की समस्या होती है वे लोग दूसरों के सामने जाने से या किसी अनजान से मिलने से या भीड़भाड़ वाली जगह में जाने पर शर्माते. डरते और घबराते हैं | लेकिन समय के साथ-साथ उनकी शर्म और घबराहट कम नहीं होती ऐसा होने पर वह दूसरों के सामने अपने आपको हीन और कमजोर समझ लेते हैं|
सोशल phobia या सोशल एंग्जायटी कब ज्यादा होती है | कब दूसरों का या दूसरों से डर ज्यादा लगता है या घबराहट अधिक होती है?
कई स्तिथियाँ ऐसी होती हैं जब सोशल phobia से जूझ रहे लोगों को डर, घबराहट सामान्य से अधिक होने लगती है जैसे:
दूसरों के सामने लिखने से (हाथ पांव कांपना)|
दूसरों के सामने खाने से उनके शरीर में कम्पन अधिक होता है और डर आशिक लगता है |
दूसरों के सामने बोलने पर (जबान और सर में कम्पन होना )|
स्टेज पर जाने से या क्लास में खड़े होकर बोलने में या भीड़ के सामने बोलने में चाहए उनके सापने उनके घर के जी लोग क्यों न हों |
जब लोग उनकी तरफ देख रहे हो तो उनको डर और चिंता होने लगती है |
नए लोगों से मिलने में घबराहट होना|
किसी के सामने देखकर बोलने में ऐसे लोग अपनी आँखें चुराते रहते हैं |
क्लास में दूसरों के सामने अपना प्रशन पूछने में भी आपको डर लगता है की दुसरे हसेंगे, क्या सोचेंगे या खड़ा होकर कैसे पूछूँ या टीचर क्या कहेगी|
जॉब मैं जाने पर या जॉब इंटरव्यू के दौरान अधिक चिंता या डर लगना|
स्कूल में जाने से पहले डर या चिंता होना|
दूसरों के सामने लिखने पर साइन करने पर या खड़ा होने पर भी आपको डर और घबराहट अधिक होती है|
अपने फोन पर बात करने में यहां तक कि दूसरों के सामने नंबर मिलाने में आपके हाथ पांव कांपने लग जाते हैं|
यहां तक कि ऐसे लोग शादी या सफर के दौरान दूसरों के सामने सोने से भी कतराते हैं|
सोशल फोबिया होने के लक्षण| कैसे जाने की आपको सोशल फोबिया है | symptoms of social phobia in Hindi
जिन्हें सोशल फोबिया की शिकायत होती है उनमें शारीरिक, मानसिक और व्यवहार से संबंधित बदलाव या लक्षण दिखाई देते हैं| जिनका प्रभाव उनके दैनिक जीवन रिश्ते पर पड़ता है जैसे
किसी दूसरे का दूसरों के सामने जाने में या कुछ करने में सोशल फोबिया के शारीरिक लक्षण होते हैं|
दूसरों के सामने दिल की धड़कन का तेज हो जाना|
घबराहट कितनी हो जाना कि रोने का मन होना|
डर और घबराहट बढ़ने के कारण चक्कर आना|
हाथ पांव में जकड़न महसूस होना शरीर के दूसरे हिस्सों का फड़कना|
पेट में गड़बड़ी होना|
डर के कारण चेहरा लाल हो जाना|
हाथ पांव शरीर में कंपन होना के अलावा जुबान और सर कापने की शिकायत होना|
पसीना अधिक आना|
मुंह और गला सूख जाना|
दूसरों के सापने याद किया हुआ भूल जाना |
आप अकेले अच्छा खेलते हैं लेकिन दूसरों के सामने एक दम अनादी बन जाना |
किसी दूसरे या अनजान के सामने होने से मानसिक बदलाव या लक्षण होते हैं
बहुत अधिक डर और चिंता होनी लगना|
तनाव या घबराहट का बहुत अधिक होना|
पैनिक अटैक की समस्या होना जिससे आप को हार्टअटैक होना या मरने का एहसास होना|
आपके दिमाग में हमेशा नेगेटिव ख्याल आते रहना या कुछ बुरा होने का एहसास होते रहना|
सोशल फोबिया के कारण होने वाले वैवाहरिक बदलाव या लक्षण होते हैं जैसे
भीड़ वाली जगह जैसे बाजार, स्कूल, हॉस्पिटल, शादी पार्टी फंक्शन आदि जगहों पर जाने से डरना या घबराना|
सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने से डरना और शर्माना|
किसी के घर. कामकाज य स्कूल जाने के नाम से ही चिंता में आ जाना|
दूसरों का या भीड़ का सामना करने के लिए शराब या दूसरे प्रकार के नशे का सहारा लेना|
घर के बाहर जाने का सोच कर ही घबराहट होने लगना|
किसी फंक्शन में जाने से कई दिन पहले सोच कर उसके बारे में चिंतित या तनाव में रहना|
हमेशा इस बात की चिंता या डर लगा रहना की दूसरी आपके बारे में क्या सोचते हैं या क्या नहीं|
अपने आप को दूसरों से कमजोर समझना या हीन भावना का शिकार होना|
सोशल फोबिया होने के कारण (reasons) | what causes social phobia in Hindi
अभी तक पता नहीं लग पाया है कि आखिर सोशल फोबिया किस कारण से होता है| लेकिन रिसर्च मानती है कि सोशल फोबिया होने के पीछे आपका माहौल और अनुवांशिक गुण जिम्मेदार होते हैं| इसके अलावा कुछ कारणों से आपको सोशल फोबिया की शिकायत हो सकती है जैसे
छोटी उम्र में बड़ों के द्वारा छोटों को दबाना और डराना|
घर में लड़ाई झगड़े का माहौल रहना या किसी कारण से घरेलू तनाव रहना|
छोटे बच्चों खासकर बच्चियों के साथ घर के बाहर किसी प्रकार की छेड़खानी होना जिसे उनके दिल में दूसरों के लिए डर बैठ जाता है|
दिमाग से जुड़ी कोई परेशानी या रोग होने के कारण|
मां बाप द्वारा बच्चों को ज्यादा डांटना या बात बात मैं अपने बच्चों को दूसरों से कमजोर बताना|
पढ़ाई लिखाई है खेलकूद में कमजोर होने के कारण बच्चे में हीन भावना आने से भी बच्चा स्कूल खेलकूद से दूर रहने लगता है और धीरे-धीरे वह दूसरे दोस्तों और लोगों से भी दूर रहने लगता है|
जो लड़के या लड़कियां नशा करते हैं उनको ये समस्या अधिक होती है |
घरवालों या माँ बाप या भाई बहनों का आपका साथ न देना|
जिन लोगों में कोई शारीरिक कमी जैसे अपंगता, हकलाना, तुतलाना या चेहरे में कोई कमी आदि ऐसे लोग अक्सर दूसरों का सामना नहीं करना चाहते और अक्सर ऐसे लोगों में सोशल फोबिया की शिकायत देखने में मिलती है| यहाँ तक की आज कल लोग रंग रूप, लम्बाई, मोटापा, पतलापन आदि के कारण भी सोशल phobia के शिकार होते जा रहे हैं|
सोशल फोबिया का इलाज क्या है | कितने दिनों, हफ़्तों या महीनो में सोशल फोबिया ठीक हो जाता है | डॉक्टर कैसे करता है सोशल फोबिया की पहचान और इलाज | दवा, medicine, घरेलु उपाय टिप्स
अभी तक सोशल फोबिया की जांच करने के लिए कोई भी टेस्ट नहीं बना है| यदि हमने जो यहाँ बताए हैं वह लक्षण आपको महसूस होते है और आपको लगता है आपको सोशल फोबिया की शिकायत है तो आपको किसी अच्छे मनोचिकित्सक यानी साइकैटरिस्ट के पास जाना चाहिए| डॉक्टर आप के लक्षणों बारे में जानकारी लेता है और आपसे यह भी पूछता है कि आपको किस कारण से और कब दूसरों के सामने जाने या कुछ करने में डर घबराहट चिंता और मानसिक तनाव की समस्या रहती है| डॉक्टर इसके अलावा आपके घर के माहौल और बाहर के माहौल के बारे में भी जानकारी लेता है और हर प्रकार की जानकारी जुटाकर आपको आपकी समस्या के लिए इलाज देता है|
यदि सोशल phobia के इलाज या उपचार की बात की जाए तो डॉक्टर आपको आप की स्थिति और लक्षणों के हिसाब से दवाइ या मेडिसिन देता है| सोशल फोबिया के इलाज में डॉक्टर आपको एंटी एंजायटी, एंटीडिप्रेसेंट या दिमाग को रिलैक्स करने वाली दवाइयां दे सकता है | सोशल फोबिया के इलाज को और भी बेहतर बनाने के लिए डॉक्टर आपको तनाव कम करने वाली एक्सरसाइज या थेरेपी लेने की भी सलाह दे सकता है जैसे हिप्नोथेरेपी, मसाज, योगा, मेडिटेशन, एक्युपंचर आदि| इसके अलावा आप कुछ उपाय अपनाकर अपनी सोशल फोबिया के इलाज को और भी इफेक्टिव बना सकते हैं और अपनी समस्या से जल्दी छुटकारा पा सकते हैं|
सोशल phobia दूर करने के घरेलु उपाय टिप्स | Social phobia home remedies in Hindi
आप किसी अच्छे योगा और मेडिटेशन एक्सपर्ट से पूछ कर रिलैक्सेशन और breathing तकनीक को सीखिए और सुबह के समय उसका अभ्यास कीजिए| इससे आपका दिमाग रिलैक्स रहेगा और आपको negative विचार, डर या चिंता आदि समस्याओं से छुटकारा मिलेगा|
जब आपका सोशल फोबिया का इलाज चल रहा हो और आपको पहले से कुछ अच्छा महसूस होने लग जाए तो रोजाना सुबह जल्दी उठकर गार्डन में जाकर दूसरे लोगों के साथ एक्सरसाइज कीजिए, बातें कीजिए और मेल मिलाप बढ़ाना शुरू कीजिए| इसे धीरे धीरे आपके मन से सोशल फोबिया दूर होने लगेगा क्योंकि सोशल फोबिया को दूर करने का सबसे सही तरीका होता है कि दूसरों से अधिक मेल जोल भड़ाना और अपने आप को नए माहौल के बीच में सेट करना|
आपको अपना खानपान हल्का-फुल्का और संतुलित रखना चाहिए| आपको फास्ट , फूड, fatty फूड, चाय, कॉफी, चॉकलेट, सोडा आदि से परहेज करना चाहिए | इसके अलावा आपको हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए जैसे गुटखा, जर्दा, सिगरेट, शराब शादी|
रिसर्च का यह मानना है कि अच्छी नींद लेने से भी सोशल फोबिया से जुड़े लक्षण दूर होते हैं| इसलिए रोजाना रात को जल्दी सोने की आदत डाल के और भरपूर नींद लीजिए इससे आपके दिमाग के फंक्शन सही रहेंगे|
कमरे में गुमसुम बैठे रहना और आलस में रहना आदि आदतों को छोड़कर अपनी जीवनशैली में बदलाव कीजिए और किसी ना किसी कामकाज में लगे रहिए इससे आपके दिमाग में फालतू नकारात्मक विचार नहीं आयेंगे|
दोस्तों यदि आपकी सोशल फोबिया की परेशानी कम है तो आपको 2 से 4 हफ़्तों में इस समस्या से मुक्ति मिल जाएगी| यदि आप नशे के शिकार हैं या आप बचपन से ही लगातार डिप्रेशन और सोशल फोबिया के शिकार हैं तो आपको 3 महीने तक ठीक होने में लग सकते हैं| लेकिन यदि आप यहाँ बताए गए सभी उपायों का पालन करते हैं साथ में डॉक्टर की बताई गई दवाई सही तरह से लेते हैं तो आपको अपनी समस्या से कुछ ही दिनों मैं मुक्ति मिल जाएगी|