आप में से कई लोग होंगे जिन्हें खाँसी की समस्या तंग कर रही होगी| खाँसी यानी कफ बहुत ही इरिटेटिंग और परेशन करने वाली समस्या है| यह एक लक्षण है जो हमें ये बताता है की हमारे गले में या श्वसन मार्ग में कुछ ठीक नही चल रहा है| जब आपके गले में या वायु मार्ग में को ब्लॉकेज या कोई बाहरी पदार्थ होता है तब आपका दिमाग़ आपकी बॉडी को खाँसी करके उसे बाहर करने का संकेत देता है| ये खाँसी कई प्रकार की हो सकती है जैसे ड्राइ, गीली, काली और कुकुर खाँसी आदि| इनके बारे में हम नीचे के भाग में पढ़ने वाले हैं| खाँसी के साथ ब्लड (खून) आना या दूसरे कोई गंभीर लक्षण यदि आपको दिखाई देते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें| डॉक्टर से मिलना तब और भी ज़रूरी हो जाता है जब आपकी कफ 7 दिनों यानि एक हफ्ते से ज़यादा हो रही हो| आइए खाँसी के प्रकार उनके लक्षण और कारण के बारे में तोड़ा ज्ञान बढ़ा लें|
खाँसी के प्रकार | types of Cough
मुख्यतया 5 प्रकार की कॉफ होती है.
ड्राइ कफ /सूखी खाँसी – इसमें बलगम नही बनती| ये अक्सर धूल, मिट्टी, स्मोक आदि के कारण या कभी कभी सर्दी जुखाम ख़तम होने के बाद हो सकती है| ये दर्द भरी, सिट्टी वाली आदि काई प्रकार की हो सकती है| ये कभी कभी लगातार चलती है और जिससे रोगी को साँस लेने में दिक्कत भी होती है|
गीली खाँसी – ये कफ बलग़ुम युक्त होती है जिसे आपके फेफड़ों (lungs) या ऊपरी श्वसन मार्ग बनाता है| ये ज्यादातर infection या अस्थमा के कारण होती है| नाक बहना या हरी बलगम आना, छाती में दर्द इसके मुख्य लक्षण होते हैं|
काली खाँसी / Whooping cough – ये बॅक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होती है तथा एक वयक्ति से दूसरे में आसानी से फ़ैल सकती है| ये कभी कभी जानलेवा भी हो सकती है| अगर सही समय पर इलाज ना हो तो| ये ribs में फ्रॅक्चर, निमोनिया और यहाँ तक की death भी कर सकती है| दम घुटना, खाँसी के बाद उल्टी आना, चक्कर आना, बेहोश होना, रुक कर तेज खाँसी आना इसके मुख्या लक्षण होते हैं|
कुकुर खाँसी/ barking cough – ये वायरल इन्फेक्शनया सर्दी जुखाम के कारण हो सकती है और इसमे भोंकने जैसी आवाज आती है| ये 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ज़यादा देखी जाती है| रात को सोते समय ज्यादा खाँसी आना, सूजन और साँस लेने में दिक्कत, साँस अंदर लेते समय आवाज़ आना, साँस लेने की गति तेज होना आदि इसके सिंप्टम्स हैं|
Habit cough – ये किसी बीमारी या सर्दी हटने के बाद होती है| ये अक्सर सोने के बाद बंद हो जाती है| इसमें दूसरों को खाँसते हुए देख कर खाँसी आ जाती है साथ ही कफ के बारे में केवल सोचने से भी कफ होने लगती है|
खाँसी के बारे में सही जानकारी होना बहुत ज़रूरी है क्योंकि समय पर इसका इलाज ना हो तो ये आगे चलकर बड़ी बीमारी का भी रूप ले सकती है| इसलिए मंत्र, दुआ आदि के चक्कर में ना पड़कर सही समय पर इसका इलाज करवा लेना ही समझदारी होती है|
खाँसी के कारण | Causes of Cough
- बॅक्टीरियल या viral infection होना
- सर्दी और जुखाम होना
- स्मोकिंग यानी धूम्रपान करना
- हेल्त प्रॉब्लम्स जैसे अस्थमा, tuberculosis, लंग कॅन्सर आदि होना.
- शराब का सेवन- इससे खुश्की और डीहाइड्रेशन होने के कारण कफ होती है|
- एलर्जी
- साइनस इन्फेक्शन
- हार्ट प्राब्लम
- असिडिटी (एसिड रिफ्लक्स) – इसमें खाने के बाद खाँसी होना एक आम बात है
- धूल, धुआ (स्मोक) आदि के कारण
खाँसी के घरेलू उपाय और इलाज | देसी घरेलू नुस्खे और उपचार | टोटके | Cough home Treatment In Hindi Language
वैसे तो आम तौर पर लोग मेडिकल दुकान वाले की सलाह से या अपनी समझ से नॉर्मल खाँसी होने पर खाँसी की दवा लेकर उपयोग कर लेते हैं| लेकिन हम एक बार फिर कहेंगे की अगर आपकी प्राब्लम लंबे समय से चल रही है तो डॉक्टर की मदद लेना सबसे सही होगा| इसके साथ नॉर्मल खाँसी होने पर आप नीचे दिए गये कुछ घरेलू टोटके या उपाय भी उपयोग कर सकते हैं| ये आपकी समस्या का इलाज करके आपको रहत की साँस और चैन की नींद दिलाएँगे|
खाँसी मे हल्दी के लाभ
हल्दी यानी turmeric अपने चिकित्सीय गुणों के कारण गले मे खराश, खुजली, और सूखी खाँसी (ड्राइ खाँसी) में काफ़ी फ़ायदेमंद साबित होती है| इसमें संक्रमणको ख़तम करने वाले और गले में inflammation कम करने वाले गुण भी पाए जाते हैं| आपको एक कप पानी के साथ एक teaspoon हल्दी पाउडर को उबलना है| इसमें एक या दो चुटकी काली मिर्च और दल चीनी पाउडर भी डाल दें| इसे छान कर इसमें एक स्पून शहद का डाल कर पीने से आपको काफ़ी रिलीफ मिलेगा|
दूसरा तरीका या टोटका ये है की एक कप पानी में एक teaspoon हल्दी और एक teaspoon अजवाइन को डाल कर तब तक बाय्ल करना है जब तक पानी आधा ना रह जाए| इस “खाँसी का काढ़ा” में एक स्पून हनी डालकर दिन में 2-3 बार पीने से खाँसी दूर हो जाएगी|
हल्दी की भूनी (रोस्टेड) हुई जड़ के पाउडर का एक स्पून को एक स्पून शहद के साथ एक कप पानी में घोल का पीने से भी cough मे रिलीफ मिलता है|
खाँसी का रामबाण उपचार – अदरक (ginger)
गले (थ्रोट) की प्राब्लम और खाँसी मे अदरक का उपयोग करना किसी रामबाण से कम नही माना जाता| अदरक खाँसी पर और इन्फेक्शन पर सबसे तेज़ी से काम करता है और आपको जल्दी रहत दिलाता है| आप अदरक को चबा सकते हैं या और अगर आप तोड़ा सा शहद भी इसके साथ खाएं तो और भी अच्छा है| यदि आपका कभी गला खराब होने लगे तो जिनजर और हनी खा लेने से आप बच सकते हैं| दूसरा तरीका ये है की अदरक को तोड़ा सा कूट कर उसकी पेस्ट को पानी के साथ बाय्ल करके पी लें| ये लगातार होने वाले non स्टॉप खाँसी, बलगम, और गले में खराश का रामबाण इलाज है| अदरक की चाय को दिन में 3-4 बार पीने से आपको जल्दी ही अपनी समस्या से आराम मिलेगा|
नींबू का रस
नींबू के रस में inflammation कम करने वाले, इन्फेक्शन से लड़ने वाले और इम्यून सिस्टम स्ट्रॉंग बनाने वाले गुण पाए जाते हैं| यदि आपको खाँसी है और गले में संक्रमण भी है तो आप लेमन के जूस को समान मात्रा में हनी के साथ मिलकर पी सकते हैं| इसमे थोड़ी सी काली मिर्च और अदरक का जूस भी मिला लीजिए जाए तो ये और भी असरदार घरेलु नुस्ख़ा बन जाता है| इस घरेलू सिरप को दिन में 4-5 बार पीने से खाँसी गायब हो जाती है|
लहसुन खाइए
लहसुन या गार्लिक में संक्रमण को ख़तम करने वाले और दूसरे ऐसे गुण पाए जाते हैं जो कफ के लक्षण जैसे छाती में दर्द आदि को कम कर सकते हैं| लहसुन की पेस्ट को पानी में बाय्ल करके इसमे हनी मिलकर पीने से काफ़ी आराम मिलता है| इसी प्रकार गार्लिक पेस्ट में समान मात्रा में शहद मिलकर और कुछ बूंदे लौंग का तेल डालकर खाने से भी फ़ायदा होता है| ध्यान रहे यदि आपको लहसुन खाने से एलर्जी होती है तो इस रेमेडी का उपयोग आपको बिल्कुल नही करना है|
प्याज़ सूँघीए
जी हाँ ये सुनने में अजीब लगता है लेकिन कुछ लोग ताजे कटे हुए प्याज़ को सूंघ कर खाँसी से नीज़ात पा लेते हैं| प्याज के रस में हनी मिलकर खाने से भी खाँसी दूर होती है| ऐसा आपको दिन में 2-3 बार करना है| ये नुस्ख़ा आपके गले को आराम देगा|
मिल्क and हनी (दूध और शहद)
हनी में दर्द निवारक, soothing और healing गुण होते हैं| दूध में हनी डालकर पीने से लगातार खाँसी होने से छाती में होने वाले दर्द में आराम मिलता है| ये मिक्स्चर आपको सोने से पहले पीना है| इससे आपको रात को coughing नही होगी| अगर आपके गले में खराश है तब आप सीधे हनी को खा सकते हैं ये आपके गले को रहत देगा और बलगाम भी कम होगी|
सेब का सिरका और लाल मिर्ची
यदि आपको सर्दी लगी है और खाँसी से आपकी छाती में दर्द और भारीपन है तो यहाँ आपको लाल मिर्च काफ़ी रिलीफ दे सकती है| आपको अपने लिए एक घरेलू खाँसी का सिरप तैयार करना है और उसके लिए ¼ टीसपून लाल मिर्च और अदरक का पाउडर को मिलना है| अब इस मिक्स्चर को एक बड़ा चम्मच सेब का सिरका और एक बड़ा स्पून हनी के साथ मिला देना है| अंत में 2 बड़े स्पून पानी के मिलाने हैं| इस cough syrup को दिन में 2-3 बार पीना है|
गाजर का जूस
गाजर के रस में पाए जाने वाले पोषक तत्व आपको खाँसी से काफ़ी रहत दिला सकते हैं| गाजर के एक गिलास जूस मैं तोड़ा सा नमक और तोड़ा हनी मिलकर पी लीजिए| ऐसा दिन में 2-3 बार करना है और तब तक करना है जब तक की आपके कफ के लक्षण ना चले जायें|
अंगूर का रस
अंगूर के रस में expectorant गुण होते हैं यानी ये आपके गले और शवास नली में मौजूद म्यूकस को हटा देती है| इसलिए यदि आपको बलग़ुम वाली गीली खाँसी हो तब आप आधा या एक गिलास ताजे अंगूर का जूस एक स्पून हनी डालकर पी लें| इस टोटके से आपको आराम मिलेगा|
बादाम खाइए
बादाम में गजब के पोषक तत्व पाए जाते हैं साथ हि इन्हें खाने से खाँसी के लक्षण भी गायब हो जाते हैं| दिन में 10 बादाम भिगो कर रखिए| 10 घंटे बाद इन्हें चील कर इनकी पेस्ट बना लीजिए| इस पेस्ट में एक स्पून फ्रेश मक्खन डाल कर खा लीजये| ऐसा दिन में 2-3 बार करने से आराम मिलेगा|
नमक से गरारे (gargles)
यदि आपको खाँसी है और आपके गले में infection है या गला खराब है और निगलने में परेशानी हो रही है तो आपको आधा स्पून नमक को हल्के गरम पानी में मिलकर गरारे (gargles) करने हैं| ऐसा दिन में 4-5 बार करने से लाभ होगा| ये नुस्ख़ा आपके गले से बलग़म और संक्रमण हटा देगा जिसके फलसवरूप आपको खाँसी से राहत मिलेगी|
मेथी के दाने
नमक के गरारे तो फ़ायदेमंद हैं ही आप ऐसा ही फ़ायदा मेथी के दाने प्रयोग करके भी उठा सकते हैं| मेथी के दानों को पानी के साथ आधा घंटा उबालिए| इसे छान कर ठंडा होने पर इससे गरारे करने पर भी ख़राब गला और कफ में काफ़ी आराम मिलता है|
तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्ते और शहद का मिक्सचर आपको खाँसी में फटा फट रिलीफ दे सकता है| बस थोड़े से पत्ते तोड़ कर उन्हे धोकर पेस्ट बना कर समान मात्रा में हनी के साथ मिलकर खा लीजिए| तुलसी के औषधिया गुण आपकी प्राब्लम दूर कर देंगे|
किशमिश का काढ़ा
किशमिश में भी कफ दूर करने वाले गुण होते हैं| बस 100 ग्राम किश मिश को पानी के साथ एक पेस्ट बना लीजिए| इसमे 100 ग्राम चीनी मिलकर तब तक गर्म करिए जब तक वो गाढ़ा ना हो जाए| इस काढ़े की 20 ग्राम मात्रा रात को सोने से पहले ले लीजिए|
स्टीम लीजिए
भाप अंदर लेने से आपको काफ़ी हद तक खाँसी और बलगाम से छुटकारा मिल सकता है| बस एक bowl में उबलता पानी डालिए. इस पानी में कुछ ड्रॉप्स युकलिप्टस और टी ट्री आयल की डाल कर, आपने सर को किसी तौलिये से ढक कर स्टीम अन्दर सुंघिये|
खाँसी से बचाव के आसान तरीके | Tips to prevent cough in Hindi
- जिनको खाने के बाद खाँसी आती हो उन्हें अपने भोजन को अच्छे से चबाकर निगलना चाहिए| साथ ही सेहतमंद और हल्की फुल्की diet खानी चाहिए जिससे उन्हें acidity ना हो| इसके अलावा उन चीज़ों से बचना चाहिए जिनसे उनको एलर्जी हो|
- हमेशा अपने मुँह पर कोई कपड़ा बांध कर बाहर जाइये खास कर जब आपको धूल, मिट्टी और धुआँ से एलर्जी हो|
- धुम्रपान कभी मत करें और ये तब और ज़रूरी हो जाता है जब आपको खांसी हो रही हो| इससे सिंप्टम्स बिगड़ कर बड़ा रूप ले सकते हैं|
- अपने आपको हमेशा हाइड्रेटेड रखिए और ऐसा करने के लिए खूब पानी पीजिए| पानी की कमी से खुश्की हो जाती है और इसके कारण खाँसी होना भी एक आम बात है|
- सर्दी के मौसम में अपने हाथ बार बार धोकर सॉफ रखें खास तौर पर यदि आप किसी पब्लिक प्लेस से आए हैं|
- उन लोगो से दूर रहिए जिन्हें सर्दी जुखाम हो|
- विटामिन A, C, E और anti oxidants से भरपूर डाइट खाइए ताकि आपका इम्यून सिस्टम स्ट्रॉंग रहे|
- आप अपने डॉक्टर से पूछ कर ज़रूरी वॅक्सीन लीजये और बीमारियों से बचाव कीजिए|
- बच्चों की सेहत की जाँच समय समय पर करवायें खास कर जब वो 2 साल से छोटे हो|
- शराब जैसे ख़राब चीज़ों का सेवन बंद करिए|
आप खाँसी की स्तिथि में ऊपर दिए गये घरेलू इलाज, उपाय और उपचार के टोटके या नुस्खे अपना सखते हैं| इनका उपयोग करने से आपको खाँसी के दवा या दूसरी टॅब्लेट्स से होने वाले साइड एफेक्ट्स भी नही झेलने पड़ेंगे| ध्यान रहे की अगर आपकी खाँसी दो हफ्ते से ज्यादा चल रही हो तो आपको डॉक्टर से निश्चित रूप से मिलना चाहिए|