Abortion (गर्भपात) या miscarriage का जानलेवा साइड इफ़ेक्ट या नुकसान – एबॉर्शन से जान कब जा सकती है?

Abortion (गर्भपात) या miscarriage का साइड इफ़ेक्ट या नुकसान क्या होता है?

क्या आप जानते हैं कि एबॉर्शन यानी गर्भपात का जानलेवा साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं और ऐसा नुकसान आमतौर पर अधूरा गर्भपात यह घरेलू एबॉर्शन होने की स्थिति में हो सकता है| अबॉर्शन के बाद जान जाने का खतरा या गर्भपात का साइड इफेक्ट और नुकसान तब होता है जब किसी कारण से आपको इनफेक्शन या सेप्टिक शॉक हो जाए| एबॉर्शन के बाद सेप्टिक शॉक होना जानलेवा स्थिति होती है यदि आपको समय पर इलाज ना मिले तो जान जाने का खतरा भी हो सकता है| सेप्टिक शॉक में आपको इनफेक्शन होने के साथ साथ लो ब्लड प्रेशर होने का भी खतरा होता है|

adhura gharelu garbhpat ke nuksan

एबॉर्शन कितने प्रकार का होता है | types of abortion in Hindi

एबॉर्शन या गर्भपात कई प्रकार का हो सकता है जैसे कि

अपने आप होने वाला मिसकैरेज|

सर्जरी द्वारा किया जाने वाला अबॉर्शन जिसमें डॉक्टर सर्जरी द्वारा गर्भाशय से भ्रूण और प्लेसेंटा को निकाल देता है|

मेडिकल अबॉर्शन जिसमें गोली के द्वारा एबॉर्शन किया जाता है|

इसके अलावा घरेलू गर्भपात करवाना जिसमें लोग दवाइयां या घरेलू नुस्खा का इस्तेमाल करते हैं| डॉक्टर के अनुसार ऐसा अबॉर्शन सबसे खतरनाक माना जाता है|

Abortion ke side effects |गर्भपात के  जानलेवा लक्षण| septic shock symptoms in Hindi

जैसा की हमने पहले बताया की एबॉर्शन के बाद Septic shock होना एक बहुत ही गंभीर और खतरनाक साइड इफ़ेक्ट होता है खासकर जब आपको गर्भपात होने के बाद निम्न लक्षण दिखाई दें तो बिना देर किये अपने डॉक्टर से मिल लेना चाहिए|

शरीर का तापमान बहुत कम या बहुत ज्यादा हो|

एबॉर्शन के बाद बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही हो|

गर्भपात के बाद पेट में बहुत तेज दर्द होना|

हाथ पांव का ठन्डे पड़ जाना|

बहुत ज्यादा बेचैनी और थकावट होना|

शरीर का कांपना|

खड़े होने पर चक्कर आना|

ठंड लगने लगना|

ब्लड प्रेशर का बहुत गिर जाना|

पेशाब न कर पाना|

दिल की धड़कनों का अनियंत्रित होना|

दिल की धड़कन बहुत तेज होना|

सांस लेने में दिक्कत होना है या सांस फूलना|

गर्भपात के बाद इन्फेक्शन के कारण| Causes of abortion with septic shock in Hindi

एबॉर्शन के बाद septic shock होने की स्थिति तब पैदा होती है जब किसी कारण से आपके शरीर में इंफेक्शन हो जाए|  ज्यादातर इनफेक्शन शरीर के एक भाग में ही होती है लेकिन इनफेक्शन यदि खून के द्वारा पूरे शरीर में फ़ैल जाए तो इस स्थिति को sepsis कहा जाता है जिसके लक्षण होते हैं

शरीर का तापमान बहुत कम या बहुत अधिक हो जाना|

दिल की धड़कन बहुत बढ़ जाना|

सांस लेने में परेशानी और तेज तेज सांस लेने लगना|

शरीर में पाई जाने वाली WBC यानी श्वेत रक्त कणिकाओं का लेवल बहुत कम या बहुत अधिक हो जाना|

abortion के बाद इन्फेक्शन के कारण sepsis आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर करने लगता है और आपके शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं और जब sepsis के कारण आपका ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता एकदम गिर जाती है तो इस स्थिति को septic shock कहा जाता है|

एबॉर्शन के बाद जानलेवा septic shock की स्थिति 2 मुख्य कारणों से बनती है|

यदि अबॉर्शन के बाद शरीर में भ्रूण का कोई शेष भाग एक टुकड़ा रह जाए ऐसा अक्सर मेडिकल, सर्जिकल और घरेलू गर्भपात के बाद देखने को मिलता है|

septic shock होने का खतरा उनको जयादा होता है जिनका immune सिस्टम कमजोर हो या जिन्हें diabetes की समस्या हो|

गर्भपात के बाद जान जाने के खतरे से कैसे बचा जा सकता है ?

एबॉर्शन होने के बाद सेप्टिक शॉक जैसी जानलेवा स्थिति से बचने के लिए घरेलू या किसी दवाई के प्रयोग द्वारा गर्भपात करने से परहेज करें और यह ध्यान रखें कि आपको एबॉर्शन डॉक्टर की देखरेख में और किसी अच्छे हॉस्पिटल में ही करवाना है जो साफ सफाई के मापदंड का पूरा पालन करते हो|  इसके अलावा एबॉर्शन होने के बाद अल्ट्रासाउंड करवा कर यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए की आपका गर्भपट पूर्ण रूप से हो गया है और भ्रूण का कोई भी टुकड़ा आपके गर्भाशय में नहीं बचा है|

एबॉर्शन के बाद होने वाले septic shock के गंभीर या खतरनाक side effects

यदि अबॉर्शन के बाद होने वाले septic shock का इलाज आपको समय पर ना मिले तो आपके शरीर का एक या कई अंग काम करना बंद कर देते हैं और इसके परिणाम जानलेवा होते हैं|

सेप्टिक शॉक होने पर अक्सर मरीज का श्वसन तंत्र, दिल, गुर्दे, लिवर आदि फेल हो जाते हैं| इसलिए यदि आपको सेप्टिक शॉक की समस्या एबॉर्शन के बाद हुई है तो डॉक्टर सबसे पहले उस अंग को हटाने की कोशिश करता है जिस में इन्फेक्शन हुई हो| गर्भपात के कारण इनफेक्शन होने की स्थिति में डॉक्टर को आपके गर्भाशय, फेलोपियन ट्यूब या दोनों ओवरीज को निकालना पड़ सकता है|

abortion के कारण septic shock की पहचान

गर्भपात के बाद septic shock की पहचान करने के लिए डॉक्टर आपको निम्न जांच से करवाने की सलाह दे सकता है|

इनफेक्शन का पता लगाने के लिए खून की जांच|

blood WBC count test

organ function test

kidney, urine and liver test.

x ray, ct scan and ECG

एबॉर्शन के साइड इफ़ेक्ट का इलाज | treatment for septic shock in Hindi

सेप्टिक शॉक होने की स्थिति में डॉक्टर तुरंत आपको आईसीयू में भर्ती कर लेता है और तुरंत आप का इलाज शुरू कर देता है| डॉक्टर के पास जो चुनौतियां होती है पहला तो आपके शरीर के जरूरी अंगों को बचाना और दूसरा उस अंग या इन्फेक्शन वाली जगह को को हटाना जहां से इनफेक्शन शुरू हुई होती है|

इनफेक्शन का पता चलने पर आपको एंटीबायोटिक दवाइयां दी जाती हैं आमतौर पर डॉक्टर स्थिति में ampicillin  , gentamicin, clindamycin or metronidazole जेसी एंटीबायोटिक दवाइयां मरीज को देता है ताकि इनफेक्शन को खत्म किया जा सके|

आपके शरीर में इंफेक्शन और अधिक ना फैले और आपकी जान बचाने के लिए डॉक्टर सर्जरी के द्वारा इनफेक्शन वाले अंग को या जगह को अलग कर देता है|

एबॉर्शन के जानलेवा नुक्सान से बचने के उपाय | How to prevent septic shock in Hindi

गर्भपात या एबॉर्शन के बाद इनफेक्शन होने का खतरा तो रहता ही है लेकिन आप कुछ उपाय अपनाकर गर्भपात के जानलेवा साइड इफेक्ट होने से बचाव कर सकते हैं जैसे

अबॉर्शन हमेशा किसी अच्छे डॉक्टर कि देख रेख में ही करवाना चाहिए|

कभी भी घरेलू एबॉर्शन या गर्भपात करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए|

अबॉर्शन के बाद होने वाले इनफेक्शन के लक्षणों की आपको पहचान होनी चाहिए

और यदि आपको इन्फेक्शन के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत उसका इलाज लेने के लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि आप जान जाने के खतरे से बच सकें|

तो दोस्तों आज आपने जाना की एबॉर्शन यानी गर्भपात के नुकसान या साइड इफेक्ट क्या हो सकते हैं और कब हो सालता है जान जाने का खतरा| तो दोस्तों हमेशा एबॉर्शन करने से पहले किसी अच्छे गाइनेकोलॉजिस्ट की सलाह ले लेनी चाहिए| कभी भी भूलकर या किसी के कहने पर घरेलू अबॉर्शन करने से परहेज करना चाहिए क्योंकि आपकी थोड़ी सी गलती जानलेवा भी सिद्ध हो सकती है|

लोगों की इतनी help की लेकिन हमारी नयी वेबसाइट like नहीं की अभी तक 😥

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