हमेशा घुटन, depression, कॉन्फिडेंस की कमी होने पर क्या करना चाहिए? जब घर वाले (पेरेंट्स) बात नहीं समझते या साथ नहीं देते

क्या करना चाहिए जब आप हमेशा घुटन में रहते हैं या हमेशा चिंता और तनाव में रहते हैं और आप में हीन भावना और कॉन्फिडेंस यानि आत्मविश्वाश की कमी रहती है और आप इसके कारण depression में रहने लगते हैं| ऐसा अक्सर उनके साथ ज्यादा होता है जिनके माता पिता या घरवाले या परिवार वाले उनकी बात नहीं समझते, हर बात पर जरुरत से ज्यादा दबाकर रखते हैं, बात बात पर डांटते हैं और जब पेरेंट्स आप पर विश्वास नहीं करते आपकी काबिलियत नहीं समझते या आप पर जरुरत से ज्यादा पाबन्दी या शक करते हैं| इस कारण आपको घुटन और कॉन्फिडेंस की कमी का सामना करना पड़ता है चलिए जानते इसका प्रभाव क्या होता है आपके जीवन पर और कैसे अपने कॉन्फिडेंस को बेहतर बनाये या depression और हीनभावना से बहार निकलें|

घरवालो का बिना बात के डांटना, दबाकर रखना, आपकी क्षमता पर विश्वास न करना, हमेशा आपको दूसरों से कमजोर बताना, घर में लड़ाई झगडे का मोहौल रहना, बात बात पर गलती ढूँढना, हर बात या काम में कमी निकलना, दूसरों पर घरवालों का अधिक विश्वास करना, बिना बात के शक करना, बात बात पर टोकना, सही बात को भी ना मानना, हमेशा आपको कमजोर समझना आदि सब बातों का असर मानसिक स्वस्थ पर पड़ता है जिसके फलसवरूप व्यक्ति घुटन और तनाव और बिना बात की चिंता में रहने लगता है जिसके कारण ऐसे व्यक्ति हीनभावना और कॉन्फिडेंस की कमी का शिकार हो जाते हैं जिसके पीछे कभी कभी या हमेशा पेरेंट्स, भाई बहनों यानि घरवालो या परिवार वालों की गलती होती है| इन सब बातों का असर आपकी पढाई, जीवन पर पड़ता है और आप बहुत अधिक pressure में रहने लगते हैं जिसे हम घुटन होना के नाम से जानते हैं| क्या करें जब ऐसा आपके साथ होता है और आप चिंता या depression में रहने लगते हैं? क्या हैं इस समस्या से बहार आने के उपाय जिससे आपका कॉन्फिडेंस फिर से बने और आप खुलकर जी सकें|

घुटन, depression, चिंता से बहार निकलने के लिए कॉन्फिडेंस बहुत जरुरी होता है| how confidence helps you get rid of anxiety and depression?

Confidence का होना जहाँ आपको हिम्मात देता है और आपको अपने ऊपर फक्र महसूस करवाता है वही कॉन्फिडेंस की कमी आपको कमजोर, डरपोक और दब्बू बना देती है जिसके कारण आप जरुरत से जायदा डरे, सहमे और मानसिक रूप से हीन भावना में रहने लगते हैं जिसेक कुछ लक्षण होते हैं

आप कोई भी काम करने से पहले हमेशा असफल होना का सोच लेते हैं

आपको हर काम के अन्दर दूसरों का सुझाव लेना पड़ता है

आपको हमेशा अपनी बेज्जती का डर रहता है

कुछ लोग दूसरों के सामने वो बनकर दिखाते हैं जो वो होते नहीं

दूसरों को अपने से काबिल और बेहतर समझना 

पार्टी, शादी, या दूसरों के बीच जाने में डरना या घबराना

बिना पूछे हर चीज़ की सफाई देते रहना

ज्यादा चिडचिडे होना और दूसरों की हलकी सी बात पर भी मूड ख़राब कर लेना

हर चीज़ में दूसरों के दिमाग से चलना

दूसरों की बातों पर अधिक विश्वास होना

अपने लिए decisions ना ले पाना

हमेशा डरे हुए रहना या जरुरत से ज्यादा टेंशन लेना

घुटन, depression, चिंता या कॉन्फिडेंस की कमी के लिए माता पिता क्यों होते हैं जिम्मेदार?

बचपन में या जरुरत के समय में बच्चे को अनदेखा करना

माता पिता का बच्चे की बात पर ध्यान न देना या नेगलेक्ट करना खास कर जब वो छोटा होता है या जिस समय बच्चे को माता पिता के साथ और प्यार की जरुरत होती है| जब बच्चे को घरवालों का सही साथ नहीं मिलता या परिवार वाले आपकी बात या फीलिंग को नहीं समझते तो आप अक्सर मानसिक तनाव, कॉन्फिडेंस की कमी और depression की शिकार हो जाते हैं| ऐसे बच्चों को हमेशा ऐसा लगता है वो अकेले हैं और उनके साथ कोई नहीं है और इस लिए बच्चा अक्सर insecurity का शिकार हो जाता है|

इसके अलावा माता पिता का या परिवार में बात बात पर झगडा या बच्चे को जरुरत से ज्यादा डांटकर और दबाकर रखने से भी बच्चा डरपोक, दब्बू हो जाता है और जिसके फलसवरूप वो मानसिक तनाव में रहने लगता है|

घर में सही माहोल का न होना

घर का मोहौल कैसा है का भी असर आपके जीवन पर पड़ता है घर में लड़ाई झगडा, बच्चे का किसी भी तरह से शोषण या फिर घर के बड़ों का जिम्मेदार न होना या नशा आदि का मोहौल होने से भी बच्चा हीन भावना का शिकार हो जाता है और ऐसे बच्चे अक्सर मानसिक तनाव के शिकार हो जाते हैं और जरुरत से जयादा डरे सहमे रहते हैं|

बच्चों से जरुरत से ज्यादा उम्मीदें रखना | High Expectation from Parents

बच्चे पर जरुरत से ज्यादा या बच्चे की क्षमता से अधिक करने का दबाव अक्सर  माता पिता बना देते हैं और कई बार ये दबाव इतना होता है की बच्चा सहन नहीं कर पाता| इसके अलावा माता पिता इसके चलते बच्चों को जयादा कण्ट्रोल में या ज्यादा दबाकर रखते हैं जिससे बच्चा चिंता और तनाव में आ जाता है| बच्चे की तुलना बार बार दूसरों से करना और बच्चे को हमेशा हर बात में दूसरों से कमजोर साबित करना का असर बच्चे पर विपरीत होता है और बच्चा इसके चलते अपना कॉन्फिडेंस भी खोने लगता है और अपने आपको हमेशा दूसरों से नीचे समझता है|

जरुरत से ज्यादा कण्ट्रोल करना

बच्चे पर कण्ट्रोल रखना जरुरी होता है ताकि वो दुनिया में धोखा न खाए अपना भला बुरा समझ सके लेकिन जरुरत से ज्यादा बच्चे को कण्ट्रोल में रखना, हर बात पर टोकना, बात बात पर दबाकर रखना, अधिक सख्ती बरतना, बच्चे की हर बात पर कमी निकलना, हमेशा शक करना, जरुरत से अधिक पाबन्दी लगाना और हर चीज़ में निपुण होने का दबाव बनाना आदि बातों का असर बच्चे के दिमाग पर नेगेटिव पड़ता है| इसके चलते बच्चा ज्यादा चिंता और डर में रहने लगता है| ऐसे में जब बच्चे की भावनाओं को घरवाले नहीं समझते तो बच्चा एक दम अकेला और अन्दर से कमजोर फील करने लगता है|

इसके अलावा भी कुछ कारण होते हैं की आप डर, मानसिक तनाव, depression और कॉन्फिडेंस की कमी के शिकार हो जाते हैं जैसे

घरवालों का आपसे अधिक दूसरों पर विश्वास करना या दूसरों को बेहतर समझना|

एक बच्चे पर दुसरे से अधिक ध्यान देना|

दूसरों की बातों के कारण घर में माता पिता का कलेश का मोहौल बनाना|

भाई बहनों में आपसी समझ कम होना या उमार का अधिक अंतर होना|

इसके अलावा बहुत और कारण होते हैं जिसके पीछे घरवालों का साथ न देना या आपको ना समझना आपके डर, चिंता, तनाव या कॉन्फिडेंस की कमी के लिए जिम्मेदार होते हैं| अब जानते हैं की यदि आपके साथ ऐसा हुआ है जिसके कारण आज आप तनाव या depression या कॉन्फिडेंस की कमी के शिकार हैं तो आपको क्या करना चाहिए|

घरवाले बात न समजें तो क्या करें | परिवार वाले साथ नहीं देते | कैसे करें इस स्थिति का सामना 

जब आपको घर परिवार का सही साथ नहीं मिलता वो आपके अन्दर कॉन्फिडेंस की कमी होती है जो की मानसिक तनाव और depression को जनम देती है और यदि आपको एक बार depression या तनाव की समस्या होती है तब आपको दुसरे प्रकार के मानसिक रोग जैसे bipolar disorder और दूसरी मानसिक परेशानियाँ होने की सम्भावना रहती है| अक्सर ऐसी स्थिति में कमजोर दिल के लोग अपने आपको को नुक्सान भी पंहुचा सकते हैं क्योंकि वो अन्दर से टूट जाते हैं और उन्हें कुछ अच्छा नहीं लगता|

इस परेशानी के सही इलाज के साथ ये भी जरुरी होता है की आप अपने अन्दर सकारात्मक फीलिंग लायें ताकि सबसे पहले आप अपने कॉन्फिडेंस लेवल को उठा सकें|

अपने आपको को महत्व दीजिये

यदि आप हमेशा अपने आपको कमजोर और दूसरों से कम खुद को समझेंगे तो दुसरे कैसे आपको कुछ समझेंगे? कहते हैं न की आदमी को अपनी नजर में कभी नहीं गिरना चाहिए और दूसरों की परवाह नहीं करनी चाहिए|

एक बात तो पक्की है हर कोई खास होता है हर किसी में कोई नहीं कोई बात होती है इसलिए सबसे पहले आप अपने आप का भरोसा जीतो, अपने आप को पहले से स्ट्रोंग बनाने की कोशिश करो| एक बात याद रखो आदमी गलतियों का पुतला कहा जाता है आप गलतियां करके ही सीखते हैं जैसे बच्चा गिर गिर कर चलना सीखता है इसलिए हमेशा perfect बनाने की कोशिश न करो| इतना याद रखो की जब आपको अपने ऊपर भरोसा होगा तब दुनिया आप पर भरोसा करेगी यही बात घरवालों पर लागू होती है|

जो हो गया हो गया

पिछली बातों के साथ यदि आप जुड़े रहोगे तो ना आज को जी सकोगे न आगे खुश रह पयोगे इसलिए जब आपको पता चल जाए की आपकी परेशानी की जड़ घरवालों का साथ या भरोसा न होने के कारण है तो अब आप अपने जीवन में परिवर्तन लाने होंगे और ये काम आपको अकेले ही करना होगा| कहते हैं न जिसे दर्द होता है वही जानता है या आप अकेले दुनिए में आये हैं आपको इस दुनिया में अच्छी और बुरी हर चीज़ देखनी होगी| आप मान लीजिये आपने अभी तक बुरा देखा लेकिन अच्छा न होने की उम्मीद कभी मत छोड़ो| हर समय पिछली बातों को दोष देते रहेने से कुछ अच्छा नहीं होता गलतियाँ आपके घरवालों से हुई हैं तो आगे आपसे भी हो सकती हैं इसलिए जो हो गया उसके लिए अपने मन में किसी के लिए भी कोई गुस्सा, बदले की भावना या नफरत मत रखो और जो ऐसा करना सीख लेता है वही आगे अपनी परेशानियों का हल ढूंढ सकता है| कुल मिलाकर आपको अपने आपको को हर दिन थोडा थोडा मजबूत करना होगा आखिर जीवन आपका है और भविष्य भी आपका है इसलिए जैसा आप आज करेंगे उसका रिजल्ट ही आपको आगे मिलेगा|

घुटन और तनाव से बहार निकलना ही होगा

यदि आप आगे खुश रहना चाहते हैं तो आपको पिछला सब भूलकर आज से ही कदम उठाना होगा ताकि आप भी बिना डर के कॉन्फिडेंस से जी सकें| साथ ही ये भी जरुरी है की जब आपको ये पता लग गया है की आपने पहले ये सोचकर बहुत तनाव लिया है की दुसरे क्या सोचेंगे या उनकी राय आपके लिए अच्छी होगी या बुरी तो अब आपको इन सब बातों को अपने मन में आने से रोकना होगा क्योंकि आपका जीवन आपको चलाना है और जब घरवाले आपकी बात न समझें तो दुसरे आपके जीवन का निर्धारण करने वाले कौन होते हैं?

अपने अन्दर की घुटन और आत्मविश्वास की कमी को दूर करने के लिए उनसे खुल कर बात करो जिनसे बात करके आपका मन हल्का हो और जिसपर आप विश्वास करते हों और जब आप अपनी बातें बताएं तो ऐसा मत सोचें की आप सामने वाले को पका रहे हैं या उनका समय ख़राब कर रहे हैं| यदि आपकी बात कोई न सुनता हो तो आपको मनोचिकत्सक से काउंसलिंग करनी चाहिए वो आपको दवा के साथ साथ गाइड भी करगे जिससे आपके मन ने काफी बोझ दूर हो जाएगा|

अन्दर ही अन्दर या अपने आप में घुट कर न रहे

आपको कॉन्फिडेंस की कमी, घुटन और depression जैसी परेशानियों से निकलने के लिए जरुरी होता है की आप वो सब करें जिनसे आपके अन्दर ख़ुशी और विश्वास बढ़ सके इसके लिए अपने आपको किसी काम में लगायें, वो काम करें जो आपको पसंद हो, उन लोगों से दूर रहे जो आपको नीचा फील करवाते हो और उनके साथ अधिक समय बिताएं जो आपके लिए हल्का सा भी अच्छा सोचते हो या आपको चिंता करते हो| हमेशा बड़ा करने की कामना मत करो और यदि निराशा या असफलता मिले तो निराश मत हों| बार बार अपनी की हुई पहले की गलतियों के बारे में मत सोचो बस उन्हें फिर से मत दोहराओ|

सबसे पहली बात भाइयों और बहनों के लिए की आप दुनिया में आये हैं और आपके पास दो आप्शन हैं की या तो हसकर जी लो या फिर ऐसे ही दुःख, डर और निराशा के साथ जी लो| आजतक आपने दुःख और depression देख लिए तो जब आपको पता है की आपको किस बात या किन परिवर्तनों की जरुरत है तो अब तो आप समझ जाइए की आपको अपने ऊपर कॉन्फिडेंस रखना होगा तभी आप अपनी हर मानसिक परेशानी से निकल पायेंगे| घरवालो के साथ की बात करें तो कई ऐसे लोग हैं जिन्हें बचपन में ही किसी का साथ नहीं मिला लेकिन उन्होंने दुनिया में अपना नाम किया बिना किसी सहारे या किसी के साथ के| तो आपको तो सब कुछ मिला है फिर भी अपने आप से आप निराश या घुटन में आप क्यूँ है आप खुद सोचिये?

आगे बहुत कुछ हम आपसे शेयर करने वाले हैं इसलिए हमसे जुड़े रहिये और इस लेख को दूसरों के साथ अधिक शेयर कीजिये ताकि दूसरों तक भी ये सन्देश पहुँच सके और वो भी अपने जीवन को बदलने की कोशिश शुरू कर सकें|

लोगों की इतनी help की लेकिन हमारी नयी वेबसाइट like नहीं की अभी तक 😥

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