क्या आपको साथ ऐसा होता है की आप इतने मायूस, उदास या तनाव में हो जाते हैं की आपको रोना आता है आप किसी से कुछ कह नहीं सकते लेकिन रोना चाहते हैं या अपनी problem किसी को समझा नहीं सकते की आप क्यों उदास या मायूस या तनाव में है| ऐसा होने के साथ साथ आप हीन भावना में आ जाते हैं या अपने आपको को हर चीज़ में दूसरों से कमजोर समझने लगते हैं| साथ ही ऐसा आपके साथ कुछ दिन या कुछ हफ्ते या लगातार होता है और आपको कुछ भी अच्छा नहीं लगता और आपका किसी भी काम जैसे पढाई या अन्य चीज़ों में मन नहीं लगता यहाँ तक की आप दूसरों से बात भी नहीं करना चाहते क्योंकि ऐसा करना आपको अच्छा नहीं लगता या आपका मन नहीं करता|
क्यों आता है बिना बात के रोना? क्यों रोने का मन होता है आपका? why you want to cry for no reason in Hindi
कोई दुखभरी sad story सुनकर या मूवी देखकर रोना हर उस इंसान को आ सकता है जो थोडा इमोशनल है लेकिन बिना बात के रोने का मन करना और कुछ भी अच्छा न लगना या किसी काम में मन ना लगना या खुद को दूसरों से कमजोर या हीन समझना एंग्जायटी या चिंता या मानसिक तनाव के कारण होता है| जब व्यक्ति मानसिक तनाव की स्थिति में होता है अपनी परेशानी किसी को कह नहीं सकता या समझा नहीं सकता या उसे ऐसा लगे की उसे कोई नहीं समझता या समझ सकता तो अक्सर ऐसे लोग रोकर अपने मन, दिमाग और अपनी भावना को शांत करने की सोचते हैं या यूँ कहें की अपने अन्दर का गुबार शांत कर लेते हैं| कुल मिलाकर आप समझ सकते हैं की रोना आपके मन और दिमाग से मानसिक तनाव को कम या हल्का करने के लिए दवा या medicine का काम करती है| इसके बारे में बाद में बात पूरी करते हैं पहले ये जान लें की क्यों होता है ये सब आपके साथ|
एंग्जायटी यानि बिना कारण के चिंता होना depression को देता है जनम
एंग्जायटी जब आपको होती है या आप बिना कारण मानसिक तनाव, चिंता में रहते हैं तो यह आपके सामाजिक जीवन, आपके काम काज, पढाई पर बुरा प्रभाव डालता है और आपको बो चीज़ें भी अच्छी नहीं लगती जो कभी आपको लगती थी जैसे म्यूजिक, खेलकूद या दोस्तों के साथ मस्ती आदि| ऐसा होने का असर आपके दिमाग पर बहुत अधिक पड़ता है और जब एंग्जायटी लम्बे समय तक चलती रहती है तो व्यक्ति depression में चला जाता है जिसके कारण आपमें अंजना डर रहने लगता है जिसके फलसवरूप आप उदास, कमजोर रहते हो और आप में हीन भावना आने लगती है और आप अपने आपको दूसरों से कमजोर समझने लगते हो और किसी काम में आपका मन नहीं लगता लड़कों की भाषा में इसे “जिंदगी झंड होना या लगना” कहा जाता है| जब ऐसा आपके अन्दर होता है तो इससे इससे आप बहुत दुखी या मायूस हो जाते हैं और जो इसपर कण्ट्रोल नहीं कर सकते वो रोकर अपने मन को हल्का करने की सोचते हैं या फिर यूँ कहें की उनका मूड उस हद तक बिगड़ जाता है की उनको रोना आता है क्योंकि उनके साथ ऐसा होना उनके कण्ट्रोल से बाहर होने लगता है|
कभी हमारी हसी नहीं रूकती थी अब रोना क्यों पड़ता है? क्यों हम इतने उदास रहते हैं? | why I feel sad always in Hindi?
रोना आना आपके शरीर का आटोमेटिक response है आपकी एंग्जायटी और depression को शांत करने के लिए ताकि आपके विचार शांत हो सकें| depression एक प्रकार की मूड से जुडी हुई समस्या होती है जिसमें आपको लगतार उदासी बनी रहती है और आपका किसी कार्य में मन नहीं लगता और आप दूसरों से कट कर रहना चाहते हैं जिसके सबसे बड़े लक्षण होते हैं
उदासी और मायूसी
खुद को किसी काम का न समझना, कमजोर या दूसरों से कमजोर समझना
शरीर में कमजोरी बनी रहना
किसी काम या पढाई में मन न लगना
हीन भावना ज्यादा होना
यदि आपको depression है तो आप
बिना बात के या बार बार रोते हैं या रोने का मन करता है|
आपको रोने का कारण तक नहीं पता होता|
आप जरुरत से इमोशनल होते हैं या दूसरों से ज्यादा इमोशनल
एक बात यहाँ आपको जाननी है वो ये की रोना आना या अधिक रोना आना तब होता है जब आपको depression की समस्या कम हो| depression अधिक होने पर आपको रोने में समस्या आती है और आप गुमसुम या मायूस अधिक रहते हैं और ऐसा होने पर अक्सर ऐसे लोग आत्महत्या या खुद को नुक्सान पहुँचाने जैसे कदम उठाते हैं|
Anxiety के कारण होते हैं ये लक्षण
देखिये हम सभी मानसिक तनाव या चिंता में कभी न कभी आते हैं लेकिन जब आप एंग्जायटी में होते हैं तो यह आपके साथ साथ बार बार ऐसा होता है या फिर आप हमेशा चिंता तनाव में रहते हैं ऐसा होने पर आप में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जैसे
दूसरों से दूरी बना लेना
ख़राब मूड के कारण किसी से मिलने या बात करने का मन न होना
जरुरत से ज्यादा बैचैनी रहना
शरीर में कमजोरी और दर्द बने रहना
किसी काम में मन न लगना
नींद लेने में परेशानी होना
बिना बात के रोना या गुस्सा होना और बात बात पर या हर बात पर अधिक चिढना
कुछ जरुरी बातें:
लड़कों से अधिक लड़कियां रोती हैं और उसका कारण होता है लड़कों में पाया जाना वाला टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन जो की उन्हें रोने से रोकता है|
इसके अलावा हीन भावना से ग्रसित, अधिक मानसिक तनाव लेने वाले, जरुरत से अधिक sensitive, और अपने आप को insecure समझने वाले लोगों को अधिक रोना आता है या बात बात पर रोते हैं|
सामान्य रोना या एंग्जायटी depression के कारण रोने में अंतर होता है|
जब आप एंग्जायटी का डिप्रेशन के कारण रोते हैं तो ऐसे रोने में जो आंसू आते हैं उन्हें psychic tears बोला जाता है और ऐसे आंसू सामान्य रोने वाले आंसुओं से अलग होते हैं क्योंकि इन आंसुओं के साथ ऐसे हार्मोन भी निकलते हैं जिन्हें आपका शरीर मानसिक तनाव की स्थिति में बनाता है|
रिसर्च ऐसा मानती है कि मानसिक तनाव, डिप्रेशन या एंग्जायटी होने पर रोने से आप स्ट्रेस हार्मोन को शरीर से बाहर निकालते हैं जिसे मानसिक तनाव डिप्रेशन और एंजाइटी के लक्षणों में कमी आती है| इसके अलावा रोने से आपके शरीर में एंडोर्फिंस हार्मोन स्त्रावित होते हैं जो कि आपको दुख और दर्द से बाहर निकालने का कार्य करते हैं और ऐसा होने से आपका मूड पहले से अच्छा होता है और आपका मन या दिमाग शांत होता है| कुल मिलाकर हम कह सकते हैं की रोना आपके लिए दवा यानि medicine का काम करता है लेकिन temporary रूप से|
depression या एंग्जायटी होने पर क्या करना चाहिए ? इलाज, दवा और जरुरी जानकारी
यदि आपको मानसिक तनाव, एंजाइटी के डिप्रेशन की समस्या है और आपका मूड बिना बात के खराब रहता है तो इन सब का प्रभाव आपके सामाजिक जीवन, दिमाग, कामकाज, पढ़ाई, सेहत आदि पर बहुत बुरा पड़ता है और कुछ लोग तो बीमार भी रहने लगते हैं|
इसलिए ऐसा होने पर आपको किसी अच्छे साइकैटरिस्ट या मनोरोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए क्योंकि ऐसा पाया गया है कि डिप्रेशन और एंजाइटी से जूझ रहे लोग सही ट्रीटमेंट मिलने पर एकदम सामान्य हो जाते है| इलाज के लिए आपको थेरेपी या दवाई लेने की सलाह दी जा सकती है| इसके अलावा आपको खुद भी अपनी दिनचर्या सुधारने का प्रयास करना चाहिए जैसे रोजाना जल्दी उठना जल्दी सोना, योगा मेडिटेशन एक्सरसाइज करना, नशे से दूर रहना, आपको उन लोगों से दूर रहना जो आपको मानसिक तनाव देते हैं, इसके अलावा अच्छी डाइट लेना जिससे आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते रहे और आपका दिमाग सही कार्य करता रहे|
इसके अलावा:
मानसिक तनाव, डिप्रेशन या एंग्जायटी अधिक होने पर आप तो अपनी सांसो पर कंट्रोल करना चाहिए|
यदि कभी कबार रोना है तो रो लेना चाहिए और अपने मन में अपने विचार मत रखिए जो भी आपकी बात को अच्छे से समझता है उसके साथ अपने दिल की बात शेयर कीजिए इससे आपकी घुटन कम होगी|
तनाव अधिक होने पर मालिश कीजिए और अपनी माथे और मुख की मांसपेशियों को रिलैक्स करने की कोशिश कीजिए इसके लिए आप ध्यान से सहारा भी ले सकते हैं|
एक ही जगह पर पर मत बैठे रहे हो सके तो टहलने के लिए निकल जाए इससे आपका मूड थोड़ा अच्छा हो सके|
तो दोस्तों, यह थी जानकारी के बिना बात पर रोना अनाया रोने का मन करना क्यों होता है और आपको क्या करना चाहिए के बारे में जानकारी| आपके मन में छोटी से छोटी बात भी हो तो हमसे शेयर कीजिए हम आपको पूरी तरह से मार्गदर्शन देंगे जिसे आप मानसिक तनाव, व्यर्थ की चिंता, एंग्जायटी, डिप्रेशन से जल्दी बाहर निकल पाएंगे|