क्या आप जानते हैं
Kidney fail होना धीरे धीरे (chronic) या एक दम से (acute) हो सकता है| अब किडनी के कार्य धीरे धीरे बंद होते हैं तब रोगी में कोई विशेष लक्षण देखने को नहीं मिलते इसलिए chronic kidney FAILURE को silent disease के नाम से भी जाना जाता है|
मनुष्य की किडनी की shape bean की तरह होती है और दोनों kidneys हमारे डायाफ्राम के नीचे पीछे की और स्थित होती हैं| किडनी हमारे शरीर में फ़िल्टर की तरह कार्य करती हैं और हमारे खून से हानिकारक पदार्थ, विषैले तत्वों को अलग करके मूत्र द्वारा शरीर से बहार कर देती हैं| किडनी ख़राब होने की स्तिथि में किडनी यह कार्य नहीं कर पाती इसके फलसवरूप हमारे शरीर में हानिकारक तत्व और पदार्थ एकत्रित होने लगते हैं इनके कारण रोगी को कई प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियाँ झेलनी पड़ती हैं|
Kidney fail hone ke kaaran kya hain | reasons of kidney failure
किडनी ख़राब होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे
- मधुमेह यानि diabetes
- high blood pressure
- गुर्दे में चोट लगाना
- autoimmune disorders
- infection
- मूत्र मार्ग में blockage
- पथरी यानि kidney stone होना
- दिल और लीवर की बीमारी होना
इनके अलवा कई प्रकार के किडनी सम्बंधित रोगों के कारण गुर्दे ख़राब हो सकते हैं|
किडनी फ़ैल होना दो प्रकार का होता है पहला acute kidney failure इसमें बहुत तेजी से किडनी के कार्य रुक जाते हैं| दुसरे होता है chronic kidney failure जिसमें धीरे धीरे किडनी के कार्य बंद होते हैं| इन दोनों प्रकार के किडनी फ़ैल होने के लक्षण लगभग समान हो सकते हैं| नीचे हमने दोनों प्रकार के किडनी फ़ैल होने के लक्षण बताये हैं साथ भी हमने यह भी बताया है की किडनी फ़ैल होने के क्या परिणाम हो सकते हैं|
किडनी फैल होने के लक्षण | Symptoms of Kidney Failure in Hindi
नीचे दिए गए लक्षण दोनों acute और chronic किडनी फ़ैल होने के लक्षण हैं|
Edema या शरीर में पानी भरना
किडनी के कार्य बंद या धीमे पड़ने से मूत्र का उत्सर्जन कम होने लगता है इसके फलसवरूप रोगी के शरीर के tissues में पानी भरने के कारण मुख, हाथों, पैरों में सूजन रहने लगती है|
उलटी और दस्त
जब किडनी के फंक्शन बाधित होते हैं तब खून में यूरिया और दुसरे हनी कारक पदार्थों की मात्र बढ़ने लगती है जो की रोगी में उलटी और दस्त होने के लिए जिम्मेदार होती है|
chronic kidney failure वाले रोगियों में – उलटी सुबह के समय होती है
acute किडनी failure वाले रोगियों को बार बार उलटी और दस्त होने की शिकायत हो सकती है|
Dehydration यानि निर्जलीकरण
उलटी और दस्त के कारण शरीर से काफी मात्रा में जल बहार निकल जाता है जिसके कारण रोगी को निर्जलीकरण की शिकायत रहती है और प्यास भी जयादा लगने लगती है|
सांस लेने में परेशानी
ऐसा की हमें बताया की किडनी में गड़बड़ी होने से शरीर में पानी भर जाता है| यह पानी रोगी के lungs में भी हो सकता है जिसके कारण रोगी को सांस फूलना और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है| सांस में परेशानी का दूसरा कारण है की खून में हानि कारक पदार्थों और यूरिया की मात्रा ज्यादा बढ़ने से रोगी का खून ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक ढंग से नहीं कर पाता|
मल के साथ खून आना
यदि आपकी किडनी की हालत ज्यादा ही बिगड़ जाए तो उसके फलसवरूप पेट में खून का स्त्राव होने के कारण आपके मल के साथ खून भी आ सकता है|
Neurological लक्षण
किडनी फ़ैल होने का प्रभाव आपके दिमाग पर भी पड़ता है इसका कारण होता है किडनी के कार्य बंद होने के कारण खून में फॉस्फेट का बढ़ना इसके फलसवरूप रोगी को निम्न शिकायतें रहती हैं|
मांस पेशियों में दर्द
Confusion
बैचिनी
मानसिक तनाव और अवसाद (stress and depression)
मूड का बार बार बदलना
चक्कर आना
हाथ पैरों का सुन्न होना
मूत्र सम्बन्धी परेशानी | Urinary symptoms
किडनी फ़ैल होने पर या तो मूत्र रुक जाता है या बढ़ जाता है साथ ही निम्न लक्षण भी देखने को मिलते हैं|
रात में बार बार पेशाब आना
पेशाब में दर्द और जलन
पेशाब का रंगहीन होना
पेशाब के साथ खून आना
पेशाब में प्रोटीन की सांद्रता अधिक होना
इनके साथ रोगी को सांस की बदबू, बहुत अधिक कमजोरी और थकावट भी महसूस हो सकती है| तो दोस्तों, अभी आपने acute और chronic किडनी फ़ैल होने के सामान लक्षण देखे अब जानते हैं acute और chronic किडनी फ़ैल होने के खास लक्षण क्या हैं|
Acute Kidney Failure के खास लक्षण
किडनी का कुछ ही दिनों में एक दम से फ़ैल हो आना acute किडनी faliure कहलाता है और ऐसा कई कारणों से हो सकता है जैसे किडनी में चोट लगाना, acute tubular necrosis, किडनी की किसी बीमारी के कारण, गुर्दे में जाने वाले खून का कम हो जाने से, hemorrhage, निर्जलीकरण आदि के अलावा गुर्दे की पथरी और खून के थक्के के कारण भी हो सकता है|
ऐसा अक्सर उन लोगों को होता है जो लोग diabetes, high blood pressure, दिल, लीवर और गुर्दे की बिमारियों से ग्रसित होते हैं|
ऊपर दिए गए लक्षणों के अलावा रोगी में हाथ कांपना, मुंह में धातु का स्वाद रहना, नाक से खून आना, पसलियों के नीचे तेज दर्द होना, लम्बे समय तक हिचकी बने रहना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं|
Chronic Kidney Failure के कारण और लक्षण
इसमें किडनी धीरे धीरे फ़ैल होती है इसलिए रोगी को कोई खास लक्षण देखने को नहीं मिलते और इसी कारण इलाज में देरी होने के कारण इसका इलाज काफी मुश्किल हो जाता है| diabetes, लुपस, कैंसर, किडनी में इन्फेक्शन, उच्च रक्त चाप, scleroderma, आदि के कारण chronic kidney fail होने की सम्भावना ज्यादा होती है|
ऊपर दिए गए लक्षणों के अलवा इसमें रोगी को अनिद्रा, नींद लेने में दिक्कत, खून की कमी, पेट में दर्द, त्वचा पर खुजली, बेहोशी, बार बार सर में दर्द होना और वजन घटने जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है|
यदि बात बिगड़ जाए तो रोगी में विटामिन डी की कमी, हड्डियों का कमजोर और पतला होना, बार बार हड्डी टूटना, मेटाबोलिक एसिडोसिस, दिमाग सम्बन्धी परेशानी आदि भी हो सकते हैं|
वृद्ध लोगों में गुर्दे ख़राब होने के लक्षण
किडनी यानि गुर्दे ख़राब या फ़ैल होने का सबसे बड़ा कारण होता है – उम्र का बढ़ना| उम्र बढ़ने के साथ किडनी के कार्यशीलता में कमी आती है साथ ही किडनी में fat जमने से रक्त वाहिकाओं का सिकुड़ जाना किडनी के कार्यों को बाधित करता है इसके फलसवरूप वृद्ध लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी, confusion, याददाश्त कमजोर होना, कम बोलना, भूलना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं|
गुर्दे या किडनी फ़ैल होने की जांच कैसे की जाती हैं?
किडनी के फैल होने की आंच खून की जांच, urinalysis आदि द्वारा से लैब में की आती है|
Blood urea nitrogen (BUN) और खून में creatinine levels की जांच करके किडनी के कार्यों की जांच की जाती है|
पेशाब में प्रोटीन की जांच करके साथ ही पेशाब की मात्रा की जांच करके किडनी फ़ैल होने के बारे में पता लगाया जाता है|
पेट का ultrasound करवाने की भी सलाह आपको दी जा सकती है साथ ही डॉक्टर आपको CT scan or MRI स्कैन करवाने को भी कह सकता है|
इसी प्रकार रोगी की Biopsy भी की जा सकती है|
किडनी फैल होने का इलाज क्या है | kidney faliure treatment
किडनी फ़ैल होने का इलाज डॉक्टर पेशेंट की स्तिथि और लक्षणों के आधार पर करते हैं| लक्षणों के आधार पर डॉक्टर रोगी को दर्द निवारक दवा, और शरीर से पानी को बहार निकलने के लिए diurectics दवाई देता है| इसी प्रकार रोगी को एक सही डाइट प्लान भी दिया जाता है| आमतौर पर रोगी को कम प्रोटीन, नमक और पोटैशियम वाली डाइट खाने की सलाह दी आती है ताकि शरीर में हानिकारक तत्व न बढ़ पाएं|
यदि किडनी की कार्य क्षमता १५ प्रतिशत से कम हो जाए तो ऐसे रोगियों को Dialysis और kidney transplant भी करवाना पड़ सकता है|
तो दोस्तों, आपने आना किडनी फ़ैल होने के लक्षण और किडनी failure के प्रकार के बारे में| यदि आपको high BP, मधुमेह या दुसरे शरीर सम्बन्धी रोग हैं तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार समय समय पर अपने किडनी की जांच करवाते रहे ताकि आपको किडनी ख़राब होने से पहले सही इलाज मिल पाए और आगे आपको ये सब लक्षण न झेलने पड़ें|