कई लोग हमसे ये जानना चाहते हैं की काल सर्प दोष क्या है और यह कितने प्रकार का होता है और इसके प्रभाव यानि लक्षण क्या हैं तो सबसे पहले काल सर्प योग के बारे में जान लें| उसके बाद आपको इसके कारण लक्षण और निवारण के अचूक उपाय, मंत्र और पूजा की विधि के बारे में बताया जाएगा|
क्या हैं काल सर्प दोष या योग?| काल सर्प योग होने का कारण
साधारण शब्दों में काल सर्प दोष एक दोष हैं जो की व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार के दुर्भाग्य के लिए जिम्मेदार होता है जिसके फलसवरूप व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की मुश्किलें और रुकावटें आती हैं| आपकी कुंडली और राशी के आधार पर काल सर्प योग अल्पकालिक या दीर्घकालिक यानि आपकी कुंडली में ग्रहों की स्तिथि के आधार पर या कुछ सालों के लिए या पूरी उम्र के लिए हो सकता है| हिन्दू मानयता के अनुसार काल सर्प योग बनने का कारण है पिछले जन्म में किये गए पापों का फल| यानि कुल मिलाकर यह पिछले जनम में किये गए बुरे कर्मों का इस जनम में मिलने वाला फल होता है जो की व्यक्ति के जीवन में कष्ट और दुर्भाग्य लेकर आता है|
काल सर्प दोष के प्रकार और प्रभाव (लक्षण)
काल सर्प दोष मुख्या रूप से १२ प्रकार के होते हैं| निचे हम काल सर्प योग के प्रकार और उसके जातक पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताने जा रहे हैं|
अनंत काल सर्प दोष
अनंत काल सर्प दोष तब बनता है जब कुंडली में केतु सातवें भाव में हो और राहु पहले भाव में|
इस काल सर्प योग के प्रभाव
- जातक पूरी उम्र समस्याओं से घिरा रहता है|
- जीवन साथी, मित्रों और परिवार वालों से झगडा रहता है और उन लोगों से धोखा मिलता है|
- शादी में दिक्कतें आती हैं और यदि शादी होती भी है तो तलाक और धोखे के पूरी संभावना रहती है|
- व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहता है|
- पत्नी से वैवाहिक और शारीरिक रिश्ते ख़राब रहते हैं|
कुलिक काल सर्प दोष
कुलिक योग तब बनता है जब कुंडली में राहु दुसरे और केतु आठवे घर में हो|
इस योग के दुष्परिणाम
- इसमें जातक को पढाई लिखाई और करियर में दिक्कतें आती हैं|
- व्यक्ति नशे आदि करता है और बीमारी होने की सम्भावना रहती है|
- यह योग गरीबी लेकर आता है|
- व्यक्ति के शत्रु अधिक होते हैं और परिवार वालों का साथ जातक को कम मिलता है|
वासुकि काल सर्प दोष
यह योग तब बनता है हब राहु कुंडली के तीसरे और केतु नौवें घर में होते हैं|
इस काल सर्प दोष के प्रभाव
- व्यक्ति चिड चिड़ा रहता है|
- भाई बहनों से सहयोग न के बराबर मिलता है|
- जातक को मेहनत के वान्छिक परिणाम नहीं मिलते|
- भाग्य साथ नहीं देता और जीवन में कठिन परिश्रम करना पड़ता है|
शंखपाल काल सर्प योग
जब राहु चौथे घर में और केतु दसवें घर में हो तो शंखपाल काल योग बनता है|
इस काल सर्प योग के बुरे प्रभाव
- जातक की परिवार वालों, मित्रों से कम बनती है और झगडे की सम्भावना बनी रहती है|
- जातक बुरी संगती में पड़ता है और बुरी आदतों को जल्दी अपनाता है|
- माँ बाप और दूसरों के पैसे चोरी करता है|
- पढाई, स्कूल, कॉलेज में मन नहीं लगाता|
- शादीशुदा जिन्दगी भी ठीक से नहीं चलती|
- काम काज में भी दिक्कतें आती हैं|
पद्म काल सर्प योग
यह योग तब बनता हैं जब राहु कुंडली के पांचवें भाव में और केतु गेहारवें स्थान पर हो|
इस योग के प्रभाव
- वक्ती मेहनती और बुद्धिमान होता है|
- समाज में अच्छा नाम कमाता है|
- संतान प्राप्ति में कष्ट आते हैं|
- शादीशुदा जिन्दगी में उतार चदाव बने रहते हैं|
- स्टूडेंट की कुंडली में ये दोष हो तो पढाई के वांछित फल उसे नहीं मिल पाते|
महापद्म काल सर्प योग
यह योग तब बनता है जब राहु जन्म कुंडली में छठे घर में हो और केतु तथा अन्य सातों गृह कुंडली के बाहरवें भाव में हों|
इस दोष के बुरे प्रभाव
- हर बनते काम में दिक्कत आना|
- जीवन भर परेशान और अवसाद में रहना|
- कमाई से जयादा खर्च होते रहना|
- ऐसे लोग शत्रु, बुरी सेहत, अदालती कार्यों, काम काज और दूसरों से ख़राब वयवहार के कारण परेशान रहते हैं|
तक्षक काल सर्प दोष
कुंडली के सातवें भाव में राहु और प्रथम भाव में केतु होने से यह योग बनता है|
क्या होते हैं इसके प्रभाव
- जातक का जीवन काफी संघर्षपूर्ण होता है|
- वैवाहिक जीवन में दिक्कतें आती हैं|
- सेहत ख़राब रहती है|
- काम काज में घाटा और काम काज बंद होने के योग बनते हैं|
- जातक जिन पर विशवास करते हैं उनसे ही धोखा मिलता है|
कार्कोटक काल सर्प योग
कुंडली में कार्कोटक काल सर्प योग तब बनता है जब राहु आठवें स्थान पर हो और केतु दुसरे स्थान पर|
इस काल सर्प दोष के प्रभाव
- इसमें व्यक्ति छोटी छोटी चीज़ों के लिए तरसता है|
- पैसे की चिंता में रहता है|
- ऐसा व्यक्ति जल्दी ही नशा अपना लेता है|
- भाग्य कमजोर होता है और परिवार वालों का साथ भी नहीं मिलता|
- दोस्तों से धोखा मिलता है|
- पैतृक संपत्ति नहीं मिल पाती|
शंखनाद काल सर्प योग
इसमें राहु कुंडली के चौथे स्थान पर और केतु दसवें स्थान पर होता है|
जातक पर इस दोष का असर
- इसमें जातक को अपनी कड़ी मेहनत का मन चाहा परिणाम नहीं मिलता|
- ऐसे लोग भोले होते हैं और सहनशील भी इसकारण दुसरे इनका फ़ायदा उठाते रहते हैं|
- ऐसे लोगों को पिता का साथ नहीं मिलता|
पातक काल सर्प दोष
यह दोष तब बनता है जब जातक की दुली में राहु दसवें घर में हो और केतु चौथे घर में|
इस कालसर्प दोष के दुष्परिणाम
- शादी शुदा जीवन में कड़वाहट रहती है|
- कर्ज, नौकरी की कमी और पैतृक संपत्ति न मिलने के कारण आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान रहते हैं|
- दिल सम्बन्धी रोग होने का खतरा रहता है|
विषधर काल सर्प दोष
यह योग राहु के ग्यारहवें और केतु के पांचवे स्थान पर होने से बनता है|
इस काल सर्पदोष के प्रभाव
- ऐसे लोग बड़े दिल वाले होते हैं
- शिक्षा अच्छी मितली है जिसके फलसवरूप समाज में इनका नाम होता है
- पुत्र प्राप्ति होती है
- इन्हें पैसा कमाने के लिए विदेश जाना पद सकता है|
- आँख और दिल की मिमारी होने की सम्भावना रहती है|
शेषनाग काल सर्प दोष
इसमें राहु कुंडली के बाहरवें भाव में और केतु छठे स्थान पर होता है|
इस योग के प्रभाव
- जातक को मानसिक रोग होने की सम्भावना रहती है
- विदेश जाने के योग बनते हैं|
- व्यक्ति को साँप से डर बना रहता है|
- दो शादियों के योग बनते हैं|
काल सर्प दोष दूर करने के उपाय | योग निवारण मंत्र और पूजा | kaal sarp dosh remedies in hindi
काल सर्प दोष के प्रकार और लक्षण जानने के बाद अब जरुरी है की आपको इस दोष के निवारण के लिए अचूक उपाय, पूजा, मंत्र और विधि भी बताई जाए जो की ज्ञानी लोग और पंडित इस दोष निवारण के लिए करने की सलाह देते हैं| नीचे काल सर्प दोष निवारण के उपाय दिए जा रहे हैं|
- कालसर्प दोष दूर करने के लिए अक्सर ज्ञानी लोग और ज्योतिष दो मंत्रो का उच्चारण करने की सलाह देते हैं| पहला आल्सर्प दोष मुक्ति मंत्र है पंचाक्षरी मंत्र और दूसरा है महा मृतुन्जय मंत्र| इन मन्त्रों का उच्चारण रोजाना १०८ बार करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है| इसी प्रकार राहु के बीज मंत्र को १०८ बार जपने से भी फायदा होता है|
- मंदिर में पीपल के पेड़ को हर शनिवार जल अर्पित करने से भी लाभ होता है|
- नाग पंचमी का दिन काल सर्प दोष निवारण के लिए उत्तम माना जाता है| इस दिन जातक को स्नान आदि के बाद शिव मंदिर में नाग देवता की पूजा, शिव भगवान् का अभिषेक करना चाहिए| पंडित लोग उस दिन नाग और नागिन का चांदी का जोड़ा भी दान करने की सलाह देते हैं| नाग देवता की पूजा करते समय आपको सुगन्धित पुष्प और चन्दन अर्पित करने चाहिए|
- नाग पंचमी के दिन ११ नारियल बहते हुए जल में पप्रवाहित करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है|
- नाग पंचमी के दिन व्रत रखना भी फलदायी माना जाता है इससे दोष के प्रभाव काफी कम हो जाते हैं|
- सावन में प्रतिदिन शिवलिंग पर दूध और भांग चडाने से भी सर्प दोष दूर होता है|
- श्रावण मॉस के हर सोमवार को व्रत रखें तथा भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करें तथा महाम्रितुन्जय का जाप करने से यह दोष दूर होता है|
- २४ मोर पंख लेकर बाँध लीजिये और इस बंडल को उस कमरे में रखिये जहाँ आप सोते हैं| हर दिन राहु काल के समय इसका झाडा जातक को लगायें|
- काल सर्प दोष में कौनसी अंगूठी या रत्न धारण करना चाहिए? ज्योतिष लोग अक्सर सर्प दोष में गोमेद या वैदूर्य रतन को कहानी की अंगूठी में लगाकर पहनने की सलाह देते हैं|
- जातक को चांदी से बना पंचमुखी सांप को अपने घर में बने मंदिर में रखना चाहिए तथा उसे प्रतिदिन चावल और हल्दी अर्पित करनी चाहिए| इससे काल सर्प दोष के प्रभाव कम हो जाते हैं|
- कभी भी छिपकली, सांप आदि की प्रजाति के जीवेओं को नुक्सान नहीं पहुचना चाहिए|
- अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए पूजा अर्चना करें तथा काल सरोप दोष शांति पाठ करें|
- शनिवार को व्रत रखें तथा इस दिन राहु, केतु, शनि और हनुमान जी की पूरी श्रद्धा से आराधना करें|
- काल सर्प दोष निवारण का अचूक उपाय यह है की शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शिवलिंग अर्पित करें और शिव मंत्र का जाप करें|
- शत्रु से भय होने की स्थिथि में चांदी या ताम्बे धातु का सर्प बनाएं और सर्प की आंख में सुरमा लगाकर शिवलिंग पर चड़ने से भय दूर होगा और शत्रु शांत होंगे|
- मंगलवार और शनिवार को रामचरित्रमानस और सुन्दरकाण्ड का पाठ पूरी श्रद्धा के साथ करने से भी लाभ मिलता है|
आपने जाना – काल सर्प दोष के कारण, प्रकार और निवारण के उपायों के बारे में| अपने आपको इस दोष के बारे में जरुरी जानकारी देने की कोशिश की है| बाकी आपको इस बारे में किसी अच्छे पंडित से विमर्श करना चाहिए| साथ ही जरुरी उपाय करने चाहिए| यदि कोई प्रश्न हो तो आप हमसे पूछ सकते हैं|
Agar kisi vyakti ki janm tithi aur janm samay nhii pata ho toh yeh kaise pata chalega ki woh kaal sarp yog m paida hua h.