hingvastak churna के फायदे और नुकसान, सेवन की विधि और हिंग्वाष्टक चूर्ण घर में कैसे बनाये के बारे में जानकारी
हिंग्वाष्टक चूर्ण के फायदे और नुकसान की जानकारी| hingvastak churna in Hindi
जैसा की आप जानते हैं कि हिंग्वाष्टक चूर्ण पेट के रोगों को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जैसे अपचन, बदहजमी, गैस, खट्टी डकार आना, एसिडिटी रहना, भूख कम लगना, शरीर को खाया पिया न लगना, उबकाई आना आदि| आजकल लोगों का खान-पान बहुत बदल गया है जिसके कारण उन्हें बार बार पेट के रोगों से जूझना पड़ता है| आज हम जानेंगे पतंजलि या बैद्यनाथ हिंग्वाष्टक चूर्ण के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान है और हिंगवाष्टक चूर्ण को लेने की विधि के बारे में जानकारी| हिंगवाष्टक चूर्ण पेट के कई रोगों का उपचार करने में इस्तेमाल किया जाने वाला एक बहुत ही उम्दा आयुर्वेदिक चूर्ण है| यह चूर्ण अपचन की समस्या को दूर करता है इसके अलावा यह भूख बढ़ाने में भी इस्तेमाल किया जाता है जिससे आपको शरीर में कमजोरी, गैस, बदहजमी जेसी शिकायतों से छुटकारा मिलता है| तो चलिए जानते हैं कि हिंग्वाष्टक चूर्ण में क्या घटक पाए जाते हैं और इस चूर्ण के फायदे या नुकसान क्या है| hingvastak churna benefits side effects in hindi
हिंगवाष्टक चूर्ण के घटक | क्या पाया जाता है हिंगवाष्टक चूर्ण में | hingvastak churna ingredients in hindi
हिंगवाष्टक चूर्ण के गुण उसमें पाए जाने वाले घटकों के कारण ही होते हैं| हिंगवाष्टक चूर्ण में निम्न प्रकार के घटक पाए जाते हैं
सौंठ 10 ग्राम, पीपल 10 ग्राम, काली मिर्ची 10 ग्राम, अजवाइन 10 ग्राम, सेंधा नमक 10 ग्राम, जीरा 10 ग्राम, काला जीरा 10 ग्राम, हिंग – 2 ग्राम
जैसे कि हिंग्वाष्टक चूर्ण के नाम से ही प्रतीत होता है इसमें 8 प्रकार के घटक पाए जाते हैं जिनके बारे में हमने आपको जानकारी दे दी है इन्हीं के कारण हिंगवाष्टक चूर्ण के पाचन वर्धक, गैस रोधी और पेट के रोगों को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं|
हिंगवाष्टक चूर्ण बनाने की विधि | कैसे बनता है हिंग्वाष्टक चूर्ण| how to make hingvastak churna in hindi
हिंगवाष्टक चूर्ण बनाने के लिए आप तो सबसे पहले हींग के इलावा सात घटकों को पीसकर आपस में मिलाना होता है उसके बाद हींग को घी में भूनकर बाकी घटकों के साथ मिला दिया जाता है | यदि आप घर में हिंग्वाष्टक चूर्ण बनाते हैं तो सब घटकों को आपस में मिलाकर कांच की बोतल में अच्छी तरह बंद कर दें|
हिंगवाष्टक चूर्ण के फायदे क्या है | benefits of hingvastak churna in Hindi
अब हम जानते हैं हिंग्वाष्टक चूर्ण के फायदे और गुणों के बारे में विस्तार से| जैसे कि हमने पहले बताया हिंग्वाष्टक चूर्ण मुख्य रूप से अपचन और बदहजमी दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा हिंग्वाष्टक चूर्ण के कई फायदे होते हैं जो निम्न प्रकार से हैं|
यदि आपको पेट फूलना, सर में दर्द रहना, पेट में गैस बनना,चक्कर आना, गैस को बाहर ना निकाल पाना आदि समस्याएं हैं तो हिंगवाष्टक चूर्ण को गर्म जल के साथ लेने से यह सभी समस्याएं दूर हो जाती है|
भूख कम लगना कुछ भी खाने का मन ना करना या खाना खाने के बाद उल्टी होना आदि समस्याएं हैं तो हिंगवाष्टक चूर्ण को भोजन खाने से पहले जल के साथ लेने से यह सभी शिकायतें दूर हो जाती है|
हिंग्वाष्टक चूर्ण के सेवन से पाचन प्रणाली मजबूत होती है जिसके फलस्वरूप खाया पिया आपके शरीर को लगने लगता है और आपकी शारीरिक कमजोरी दूर होती है|
हिंग्वाष्टक चूर्ण सेवन से बार बार दस्त होने की समस्या दूर होती है और यदि आपको कब्ज की शिकायत रहती है तो भी आप इस चूर्ण का आधा चम्मच गर्म जल के साथ लेकर पुरानी से पुरानी कब्ज से छुटकारा पा सकते हैं|
हिंगवाष्टक चूर्ण के नुकसान क्या हो सकते हैं| hingvastak churna side effects in Hindi
हिंगवाष्टक चूर्ण के नियमित सेवन से आपको छाती मे जलन हो सकती है खासकर उन लोगों को जो कि अधिक के लिए या मिर्च मसालेदार भोजन करते हैं|
यदि आपको गुर्दे की कोई बीमारी है यह हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो आपको हिंग्वाष्टक चूर्ण लेने से परहेज रखना चाहिए क्योंकि इस चूर्ण में नमक पाया जाता है जिससे कि ब्लड प्रेशर की शिकायत और बढ़ सकती है| इसलिए डॉक्टर या वैद्य की सलाह लिए बिना इस चूर्ण का सेवन ना करें|
बच्चों को अधिक मात्रा में हींग अष्टक चूर्ण देने से परहेज करना चाहिए|
यदि हिंगवाष्टक चूर्ण लेने के बाद आपको कुछ भी असामान्य लक्षण महसूस हो तो तुरंत अपनी डॉक्टर की सलाह दीजिए और बिना सलाह के इस चूर्ण का सेवन ना करें|
तो दोस्तों, यह था हिंगवाष्टक चूर्ण के फायदे, नुकसान, बनाने की विधि और लेने के तरीके के बारे में जानकारी अधिक जानकारी के लिए आप हमें कमेंट कर सकते हैं या फिर किसी डॉक्टर या वैद्य की सलाह ले सकते हैं|