Pitra Dosh Nivaran Jankari Hindi Me
आजकल की नयी होती दुनिया और लोगों की ज़माने के साथ बदलती मानसिकता पुरानी बातों को नहीं मानती क्योंकि आज लोग हर चीज़ को science की नजर से ही देखते है और पुराने देव ऋषियों की बातों को भूलते जा रहे है| लेकिन जीवन में कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनका जवाब विज्ञानं के पास भी नहीं होता| खैर जो लोग एस्ट्रोलॉजी को मानते हैं यह लेख उनके लिए है और खास कर वे लोग जो अपने पितृ दोष के निवारण के उपाय और मंत्र ढूंढ रहे हैं ताकि उनकी कुण्डली से pitra dosh दूर हो सके और उनके जीवन में आ रही बाधाएं ख़तम हो सकें| आज हम इस लखे में आपको पितृ ओढ़ दूर करने का यानि पितृ दोष निवारण के उपाय, मंत्र आदि के बारे में बताने वाले है साथ ही आपको इस दोष के कारण और लक्षण से भी अवगत करवाने वाले है ताकि आपको इस दोष की सही पहचान हो सके|
क्या है पितृ दोष | कारण | pitra dosh kundli में कैसे आता है?
पितृ दोष होने का कारण जो अधिकतर लोग बताते हैं वो यह है की जब आपके घर में वृद्ध की मृत्यु होती है और आप उनका अंतिम संसकर या श्राद्ध सही से नहीं करते या आपके पूर्वज की कोई इच्छा हो जो पूरी न हुई हो तो इस स्तिथि में आपके पूर्वज आपके द्वारा अपनों इच्छा पूरी करवाने के लिए आप पर दबाव बनाते हैं और जो लोग इस दबाव से ग्रसित होते हैं उनकी कुंडली में पितृ दोष आ जाता है|
लेकिन एस्ट्रोलॉजी के विद्वान इस बात का खंडन करते हैं और उनके अनुसार pitra dosh होने का कारण इसके बिलकुल विपरीत है| विद्वानों के अनुसार किसी की कुंडली में पितृ दोष होना उनके पूर्वजों का उनको दिया हुआ अभिशाप नहीं होता| इन विद्वानों का कहना है की पितृ दोष के बारे में जानकारी अधूरी होना खतरनाक हो सकता है| विद्वानों के अनुसार पितृ दोष उनके पूर्वजों के कर्मों का किया हुआ फल होता है जो उनकी संतानों को भुगतना पड़ता है और इसी कारण pitra दोष जातक की कुंडली में आता है जिसे पंडित लोग जातक की कुंडली में ग्रहों की स्तिथि देखकर पता लगा सकते हैं|
पितृ दोष कि सच्चाई यही है की यह दोष आपके पूर्वजों के किये हुए बुरे कर्मों का परिणाम होता है जो आपको इस जीवन में उतरना होता है| इस ऋण को आप दो तरह से उतर सकते हैं या तो पूर्वजों द्वारा किये गए पापों की सजा भुगत कर या फिर इस जीवन में अच्छे करम करके आप पितृ दोष का निवारण कर सकते हैं| हमारा मकसद इतना है की हम आपको pitra dosh nivaran के उपाय और मंत्र बनाएं ताकि आपको इस दोष के कारण किसी भी प्रकार की समस्या न हो और आप कुछ अच्छे कर्म करके इस दोष से मुक्ति पा सकें और आपने पूर्वजों की आत्मा को शांति दिला सकें|
पितृ दोष होने के क्या लक्षण होते हैं | पितृ दोष होने की पहचान कैसे करें | Pitra Dosh Effects in Hindi
जैसा की हमने बताया की पितृ दोष आपके पूर्वजों की करनी का आपको इस जनम में मिला हुआ ऋण है| इस दोष के कई लक्षण हो सकते हैं जिससे आप pitra dosh की पहचान कर सकते हैं| बाकी आप किसी ज्ञानी astrologer या पंडित को अपनी कुंडली दिखाकर या सुनिश्चित कर सकते हैं की आपकी कुंडली में पितृ दोष है या नहीं| पितृ दोष होने से निम्न लक्षण, side effects, नुकसान या दुष्परिणाम जातक को हो सकते हैं|
इस दोष के कारण आपको कई कष्ट उठाने पड़ सकते हैं|
विवाह होने में समस्या, समय पर विवाह न होना, शादी होने में देरी, विवाह में विघ्न आदि के अलावा यदि आपका विवाह हो भी जाए तो आपकी अपने जीवनसाथी से कलेश होने लगते हैं और परिणाम अच्छे नहीं होते|
स्टूडेंट्स इंटरव्यू में या परीक्षा में बार बार फ़ैल या विफल होते रहते हैं अपनी पूरी मेहनत लगने के बाद भी| कुछ स्टूडेंट्स या नौकरी पाने वालों को पढ़ाई या नौकरी पाने में हमेशा कोई न कोई अड़चन आती रहती है|
परिवार के सदस्य, बच्चे या परिवार का मुखिया नशे आदि में पड़ जाता है जिसका असर परिवार की सुख शांति और आर्थिक स्तिथि पर पड़ता है|
नौकरी लगने में परेशानी आना वो भी बार बार और यदि नौकरी लगी है तो पितृ दोष के कारण छूट जाती है|
बार बार गर्भपात होना और बच्चा पाने में समस्या आना हालाँकि आप स्वस्थ हैं|
मंद्बुधि या अपंग बच्चे का जन्म होना या बच्चे की छोटी उम्र में मृत्यु हो जाना|
हमेशा मानसिक तनाव में रहना या बिना बात के बहुत अधिक क्रोध करना|
काम काज, व्यापार में मंदी रहना और काम बलदने पर भी सफलता न मिलना|
बार बार बिना किसी कारण के बीमार पड़ना|
इनके अलावा भी pitra dosh के कई लक्षण हो सकते हैं जैसे आकस्मिक दुर्घटना होना, किसी का आपकी सम्पत्ति पर कब्ज़ा कर लेना, घर वालों से ताल मेल की कमी, कोर्ट कचहरी के case होना, आत्मविश्वास की कमी रहना, बार बार किसी परिवार के सदस्य या बच्चे का बीमार पड़ना, धन की कमी रहना, बिना बात के खर्चे या नुकसान होना, आदि के अलावा और बहुत से लक्षण हो सकते हैं| अधिक जानकरी आप अपने पंडित या ज्योतिष को अपनी कुण्डली दिखा कर प्राप्त कर सकते हैं और अपनी समस्या का समाधान पूछ सकते हैं|
कुण्डली में पितृ दोष होने की पहचान और प्रभाव | Pitra dosh ke prakar | Types of Pitra dosh in Hindi
नीचे कुण्डली में ग्रहों की स्तिथि के आधार पर पितृ दोष होने की पहचान और उनके व्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में विशेष जानकारी दी जा रही है|
शुक्र, शनि और राहु या इनमें से कोई दो ग्रह यदि कुण्डली के 5 वें घर में हैं तो सूर्य जातक को दुष्परिणाम दे सकता है|
यदि केतु कुंडली के चौथे घर में है तो आपको चंद्र ग्रह के कारण बुरे परिणाम मिलेंगे|
यदि बुद्ध और केतु या दोनों आपकी कुंडली के पहले और आठवें घर में हैं तो आपको इसके बुरे प्रभव मिलेंगे|
यदि चन्द्र आपके तीसरे और 6 वें घर में हैं तो आपको बुध ग्रह से नुक्सान होंगे|
यदि शुक्र, बुध और राहु या इनमें से कोई दो ग्रह आपकी गुंडी के दुसरे, पांचवें, नवें या बाहरवें घर में है तो आपको ब्रहस्पति के कारण कष्ट उठाने पड़ेंगे|
सूर्य, चंद्र और राहु में से किन्ही दो का कुंडली के सातवें स्थान पर होने से आपको समस्या हो सकती है|
सूर्य, चंद्र या मंगल में से कोई दो यदि आपको कुंडली के दसवें या 11 वें घर में हैं तो शनि आपको समस्या में डाल देगा|
सूर्य या शुक्र यदि आपकी कुंडली में बाहरवें घर में है तो राहु से आपको बुरे परिणाम मिलेंगे|
मंगल या चंद्र का 6 वें घर में होना आपके लिए बुरे परिणाम ला सकता है|
पितृ दोष निवारण के उपाय, तरीके पाइए pitra dosh से जल्दी मुक्ति
पितृ दोष निवारण के उपाय में आपको श्राद्ध पक्ष में दान करने की सलाह दी जाती है आप गरीबों और ब्राह्मणों को श्राद्ध पक्ष में आप आटा, गुड, चीनी, फल, तिल आदि दान कर सकते हैं| आपको क्या दान करना है के बारे में जानकारी अपने पंडित या ज्योतिष से लीजिये|
पितृ दोष निवारण के उपाय या टोटके या पूजा करने के लिए आप आर्थिक रूप से असमर्थ हैं तो आप किसी पवित्र नदी में काले तिल प्रवाहित करके पितृ दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं|
पितृ दोष निवारण का एक टोटका या तरीका यह भी है की आप सुबह अपने कुल देव को पूज कर गाय को चारा खिलाएं और अपने पितरो को याद करके उनसे आशीर्वाद मांगिये| इससे पितृ प्रसन्न हो जाते हैं और आपको दोष से जल्द छुटकारा मिलता है|
यदि आप श्राद्ध नहीं कर पाते क्योंकि आप गरीब हैं या फिर दान पुण्य नहीं कर सकते तो सच्चे मन से रोजाना सुबह नाहा धोकर शुद्ध मन से सूर्य देवता से श्राद्ध न करने की क्षमा मांगिये और सूर्य देव से अपने पूर्वजों को तृप्त करने की कामना मांगें|
अपने पितरो का आशर्वाद दोष निवारण के लिए घर की दक्षिण दिशा में अपने पितरों की तस्वीर लगायें और रोजाना फूलों का हार तस्वीर पड़ चड़ा कर उनकी पूजा करें और आशीर्वाद मांगें|
जल्दी दोष निवारण के लिए पीपल के पेड़ में दोपहर के समय जल, दूध,, गंगाजल आदि चढ़ाएं और अपने पितरों से आशीर्वाद और सब मंगल होने की कामना मांगिये|
पितृ दोष की शांति के लिए रोजाना संध्या के समय दीपक जलाएं और पितृ दोष निवारण स्त्रोत जैसे नाग स्त्रोत, नवग्रह pitra dosh nivaran stotra, पितृ strotra का पाठ करें|
गरीब कन्या विवाह या किसी किसी बीमार कन्या का इलाज करवाकर भी आप पितृ दोष के बुरे प्रभाव को कम कर सकते हैं|
भगवद गीता पाठ और विष्णु मंत्र का जाप करने से भी दोष निवारण में सहायता होती है|
पितृ दोष से ग्रसित होने की स्तिथि में आपको अपने पूर्वजों से आशीर्वाद लेना चाहिए जिससे आपके दोष में कमी आये| आशीर्वाद लेने की विधि यह है की आप शुक्ल पक्ष में शनिवार के दिन शाम के समय एक नारियल लीजिये और उस नारियल को अपने ऊपर सात बार वर कर बहते जल में प्रवाहित कर दें और प्रवाहित करते सामय अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनसे आशीर्वाद मांगे और अपने कर्मों की माफ़ी|
पितृ दोष के प्रभाव को कम करने के लिए हमेशा दूसरों का भला करने की कोशिश करें, मन शुद्ध रखें और किसी का बुरा मत करें या सोचें| इसके अलावा भोजन करने से पहले अपने थाली से कुछ भोजन गाय या कुत्ते के लिए भी रखो| रोजाना शुद्ध मन से अपने कुल के भगवन की अराधना करो| इसके साथ हर रविवार को गाय को गुड खिलाओ साथ ही खर से बहार निकलने से पहले थोडा सा गुड खा कर निकलो| घर में भागवत का पाठ करवाना भी फलदाई माना जाता है|
अमावस्या में पितृ दोष निवारण
पितृ दोष से पीड़ित जातक को पितरों की शांति और उनका आशीर्वाद पाने के लिए अश्विन कृष्ण अमावस्या को श्राद्ध करवाना चाहिए| इससे जातक के जीवन में आने वाली परेशानियाँ दूर हो जाएँगी और भविष्य में समस्याएं नहीं आएँगी|
पितृ दोष निवारण यन्त्र
यदि आपको पितृ दोष है तो आपको आपको सूर्य यंत्र को अपने घर में शुक्लपक्ष के पहले sunday को पूरी श्रद्धा, निष्ठा और विधि से स्थापित करना है और प्रतिदिन सुबह शुद्ध मन से सूर्य देवता को जल चढ़ाना है| जल अर्पित करने के लिए आपको ताम्बे का पात्र लेना है और उस पात्र में जल, लाल फूल, चावल और रोली होने चाहिए|
पित्र दोष निवारण पूजा और पूजा की विधि | पितृ दोष निवारण मंत्र
Pitra dosh nivaran पूजा करवाने के लिए आपको सबसे पहले अपनी कुण्डली किसी ज्ञानी ज्योतिष या पंडित को दिखानी होगी और आपका पंडित ये पता लगाएगा की आपको किस प्रकार का पितृ दोष है और उस दोष के आधार पर ही आपके लिए पितृ दोष निवारण की पूजा करवानी होगी| for example :- यदि आपके पितृ दोष का कारण राहु है तो आपको पितृ दोष निवारण के लिए राहु वेद मंत्र का जाप करवाना होगा| इसी प्रकार यदि आपके दोष का कारण कोई दूसरा ग्रह है तो आपको उस ग्रह से सम्बंधित जाप करवाना होगा|
पितृ दोष पूजा की विधि की बात करें और यदि आपका दोष राहु के कारण है तो आपको राहु वेद मंत्र का जाप सवा लाख बार करवाना होगा|
पितृ दोष निवारण पूजन विधि 5-7 पंडितों द्वारा सम्पन्न की जाती है जिसमें पंडित पहले जातक को शिवलिंग के सामने बिठा कर पूरे शिव परिवार की सही विधि से पूजन करते हैं| इसके बाद पंडित पितृ दोष निवारण मंत्र का 7 से १० दिन तक सवा लाख बार जाप करते हैं| इसके बाद आपसे संकल्प लिया जाता है और आपको इस दौरान फल भी मांगना होता है|
पितृ दोष निवारण जाप ख़तम होने के बाद समापन कार्यक्रम होता है जिसमें शिव परिवार के सदस्यों को पुष्प, फल, मिठाई, घी, दही आदि अर्पण किये जाते हैं| जाप शुरू होने के पहले दिन से आखिरी दिन तक पीड़ित को पूर्ण निष्ठा दिखानी होती है ताकि उसका यह दोष बिना किसी परेशानी से दूर हो जाये|
पितृ दोष पूजा के दौरान ग्रह के आधार पर आपको दान पुन्य भी करना होता है जैसे तिल, तेल, दाल, चीनी, चावल, कम्बल आदि का दान| जब पूजा का समापन होता है तब आपको देवी देवताओं का आशीर्वाद लेना होता है| इसके बाद pitra dosh nivaran hawan किया जाता है और hawan ख़तम होने की विधि में हवन में नारियल की आहुति देने के बाद वांछित फल माँगा जाता है| अंत में जातक को हवन कुंड की परिक्रमा करनी होती है और इसके साथ पितृ दोष निवारण पूजा का समापन हो जाता है|
पितृ दोष निवारण मंदिर | Best Temple or mandir for pitra dosh nivaran puja (worship)
लोग पितृ दोष निवारण के लिए सबसे अच्छे मंदिर की बात हो तो नासिक स्तिथि त्रंयबकेश्वर मंदिर को ही सबसे उत्तम यानि best temple for removal of pitra dosh माना हाता है| लेकिन पंडित आपको उज्जैन, हरिद्वार, गया, बद्रीनाथ आदि स्थानों पर भी पितृ दोष निवारण के लिए जाने की सलाह दे सकते हैं| पितृ दोष के लिए सही मंदिर कोई अच्छा ज्योतिष, पंडित या वो लोग बता सकते हैं जिन्होंने सफलतापूर्वक पितृ दोष से मुक्ति पा ली है| इसलिए आप मंदिर के बारे में पूरी जानकारी लेकर ही वहां जाए| एक बात और वहां दलाल लोग बहुत घूमते हैं तो की आपको सस्ते में या किसी भ्रम में डाल सकते हैं जैसे की – आप पर और भी बहुत सरे दोष हैं और आपको उनकी भी पूजा करवानी होगी| ऐसे पाखंडी लोगों से बचने के लिए जरुरी है की आपको उन लोगों से सचेत रहना है| बेहतर होगा आप वहां से पूजा कवाकर आये लोगों की सलाह लें और पूरे खर्चे, पूजन की विधि और ठहरने की सही जगह सबंधित जानकारी ले लें ताकि आपको कोई परेशानी न हो|
पितृ दोष निवारण के मंत्र, उपाय, स्त्रोत, दान, पूजा, पूजा की विधि और दोष निवारण के लिए मंदिर के बारे में जानकारी आपने प्राप्त कर ली है| अब आप ऊपर दिए गए उपाय, तरीके और टोटके अपनाइए और जरुरी पूजा करवाइए ताकि आपके जीवन में आ रहे पितृ दोष के कष्टों का निवारण जल्द से जल्द हो सके और आपके पूर्वजों और देवी देवताओं का आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहे और आपका मंगल हो|