HIV AIDS के बारे में सामान्य जानकारी

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HIV AIDS information in Hindi

दोस्तों, आज हम जो लेख लिखने जा रहे हैं उसका उदेश्य भारत के नौजवानों को HIV और AIDS के प्रति जागरूक करना है ताकि वो इस जानलेवा बीमारी की चपेट में न आयें| देखिये कैंसर जैसी बीमारी का इलाज तो आज हमारी मॉडर्न साइंस ने फिर भी कर लिया है लेकिन एड्स का अभी तक कोई भी इलाज नहीं हो पाया है इसलिए इसका बचाव ही इसका इलाज होता है| एक बार ये बीमारी हो जाये तो रोगी को आयुर्वेदिक या medical ट्रीटमेंट द्वारा कुछ साल अधिक जिन्दा रखा जा सकता है लेकिन उसकी मौत होना तो निश्चित ही होती है|  एक छोटी सी गलती किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है इसलिए इस लेख को ध्यान से पढ़े और अपने जीवन में अपनाएं ताकि आपको इस बीमारी के प्रति जागरूक रहे और अपना बचाव कर सकें|

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सरल भाषा में HIV और AIDS क्या होते हैं | HIV AIDS में क्या अंतर होता है

सबसे पहले ये समझिये की आप्पके शरीर का ये रोग प्रतिरोधक तंत्र होता है जो आपकी कई प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस, infection आदि से सुरक्षा करता है| और यदि किसी कारण ये रोग प्रतिरोधक तंत्र यानि इम्यून सिस्टम कमजोर या ख़तम हो जाये तब आपका शरीर रोगों से लड़ नहीं पाता और कमजोर इम्युनिटी के कारण आपको कई  प्रकार के रोग होने की सम्भावना होती है|

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अब बात करते हैं की HIV क्या है – तो सरल भाषा में यह जान लीजिये की यह एक वायरस है जिसे human immunodeficiency virus कहा जाता है| यह वायरस रोगी के शरीर में कई कारणों से आ सकता है जैसे वैश्या की पास जाने से, असुरक्षित यौन संबंध बनाने से, कई पार्टनर्स के साथ संभोग करने से, HIV ग्रसित माँ से उसके होने वाले बच्चे में, किसी एड्स रोगी के साथ इंजेक्शन शेयर करने से (अकसर नशे करने वाले लोग ऐसा करते हैं), किसी एड्स के रोगी का खून किसी सामान्य इंसान को चड़ा देने से भी HIV एक इंसान से दुसरे इंसान में चला जाता है|

HIV और AIDS में यह अंतर है की HIV एक वायरस है जो की रोगी के रोग प्रतिरोधक तंत्र को नष्ट कर देता है और कुछ महीनो से लेकर कुछ सालों तक या वायरस उस इंसान को इम्यून सिस्टम को पूरी तरह से ख़तम कर देता है जिससे उस इंसान को AIDS नामक बीमारी हो जाती है| इस बीमारी को acquired immunodeficiency syndrome कहते हैं| यह HIV संक्रमण होने की फाइनल stage होती है जिसमें रोगी के शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र पूरी तरह नष्ट हो जाता है और रोगी को इम्युनिटी की कमी के कारण कैंसर, TB, निमोनिया और दुसरे कई प्रकार की बीमारियाँ और संक्रमण हो जाते हैं जिनसे रोगी का शरीर लड़ नहीं पाता और अंत में उसकी मौत होनी निश्चित हो जाती है|

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HIV positive होने के बाद AIDS होने में कुछ महीने भी लग समय हैं और कुछ साल भी| यदि रोगी डॉक्टर के हिसाब से सही ट्रीटमेंट लेता रहे तो वो काफी लम्बे समय तक जीवित रह सकता है मतलब एड्स होने से बचा रह सकता है कुछ HIV positive लोग तो 12 से 15 साल तक भी एड्स से बचे रहते हैं|

In short:- HIV के वायरस है और एड्स वो बीमारी है जो की HIV वायरस के संक्रमण होने के कारण होती है| 

क्या ऐसा हो सकता है की HIV के रोगी को AIDS न हो?

जी नहीं, यदि आप सही समय पर सही ट्रीटमेंट ले रहे हैं तो आप कई सालों तक जीवित रह सकते हैं|

HIV positive को एड्स का रोगी कब माना जाता है?

आपके शरीर में CD4 कोशिकाएं होती हैं जो की आपके शरीर को उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती है| HIV का वायरस इन  CD4 कोशिकाओं को धीरे धीरे नष्ट करना शुरू कर देता है| सामन्यतया साधारण मनुष्य में इन कोशिकाओं की संख्या 500 से 1200 तक होती है| लेकिन AIDS होने पपर इनकी संख्या 200 या उससे कम हो जाये तो उस HIV रसित मनुष्य को एड्स का रोगी माना जाता है|

HIV पीड़ित से एक बार संभोग करने से क्या मुझे एड्स हो सकता है?

जी हाँ|

दोस्तों, आपने HIV और AIDS के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त कर ली है | अब आइए जानते हैं HIV के लक्षणों के बारे में|

HIV के लक्षण

HIV वायरस से ग्रसित होने पर जरुरी नहीं की रोगी को कोई लक्षण महसूस हो| कुछ लोगों में 2 से 4 हफ़्तों में लक्षण दिखाई देते हैं और कुछ लोगों में लक्षण दिखाई देने में 3 महीने का समय भी लग सकता है| लेकिन यह जरुरी नहीं की हर रोगी में यह शुरुवाती लक्षण दिखाई दें| शुरुवात में रोग को नजला जुखाम जैसे symptoms महसूस होते हैं| इसके साथ ही रोगी में निम्न शुरवाती लक्षण देखने को मिलते हैं|

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बुखार होना

रात में पसीना आना

कमजोरी

skin पर लाल rashes होना

सर दर्द और बदन दर्द

गला ख़राब होना

मुँह में छाले होना

यह सभी लक्षण कुछ दिनों बाद चले जाते हैं| लेकिन इस दौरान संभोग करने से बिमारी बहुत तेजी से फैलती है| क्योंकि इस समय वायरस की संख्या शरीर में बहुत ज्यादा होती है|

जैसे जैसे शरीर में वायरस आपके रोग प्रतिरोधक तंत्र को नुकसान करने जायेंगे वैसे वैसे रोगी में निम् लक्षण दिखाई देने लगेंगे|

शरीर में संक्रमण होना

बुखार

थकावट और कमजोरी

दस्त लगना

शरीर के भार यानि वजन में कमी होना

सांस लेने में परेशानी होना

खाँसी रहना

सही इलाज या उपचार के आभाव में कुछ सालों में HIV इन्फेक्शन AIDS का रूप धारण कर लेती है और HIV रोगी में नीचे दिए गाये लक्षण देखने को मिलते हैं|

एड्स होने के लक्षण

रात में पसीना आना और अचानक से ठण्ड लगना

बुखार ठीक होने में 10 दिन से भी जयादा का समय लगना

खाँसी और सांस लेने में दिक्कत

loose motion होना

जी मिचलाना

उल्टियाँ होना

मुँह में इन्फेक्शन होना

गुप्तांगो में संक्रमण

सर दर्द

बहुत ही ज्यादा कमजोरी महसूस होना

वजन कम होना

नजर कमजोर होना

जोड़ों में दर्द रहना

कैंसर, TB आदि जैसी जानलेवा बीमारी का आसानी से शिकार होना

HIV के लिए test | जांच से होती है HIV होने की पुष्टि | HIV AIDS की जांच कैसे होती है | घरेलु जांच

HIV positive होने का पता लगाने के लिए आपको अपनी जांच करवानी होती है| यदि अब आपका प्रश्न है की HIV का पता लगाने के लिए जांच कब करवानी चाहिए तो इसका उत्तर है की की आपको एक महीने बाद अपनी जांच करवानी चाहिए और यदि test का परिणाम negative आता है तो 3 महीने बाद एक बार फिर से दूसरा test करवाना होता है|

HIV test कई प्रकार से किये जाते हैं जैसे एंटीबाडीज test, ELISA, एंटीजन test, CD4 की जांच, थूक की जांच आदि| घर पर HIV test करने के लिए amazon और ebay जैसी वेबसाइट पर oraquick जैसी HIV जांच kits भी मिलती हैं जिनसे आप घर पर अपने थूक की जांच करके HIV का पता लगा सकते हैं| लेकिन ध्यान रहे की इन kits के परिणाम को एक दम सत्य नहीं मान लेना चाहिए|

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आप अपने खून, थूक एंटीजन और एंटीबाडीज की जांच लैब में करवाकर ये सुनिचित कर सकते हैं की आप HIV से ग्रसित हैं या नहीं| आमतौर पर ये जांच गुप्त रखी जाती है| HIV positive होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से अपना इलाज यानि उपचार शुरू करवा लेना चाहिए ताकि आप लम्बे समय तक बिना किसी समस्या से normal life जी सकें|

HIV AIDS से बचाव के तरीके

  • हमेशा अपने साथी के प्रति बफादार रहे और साथी के अलावा दूसरी औरतों या मर्दों से संभोग करने से बचें अर्थात सयम रखें|
  • नौजवान लोग हस्तमैथुन द्वारा अपनी कामुक इच्छाओं को शांत रख सकते हैं|
  • साथी के अलावा पराई औरत से संबंध बनाने से पहले कंडोम का प्रयोग अवश्य करें और ये सुनिचित करें की कंडोम फटे नहीं| कंडोम पर तेल आदि के प्रयोग से उसके फटने की सम्भावना रहती है|
  • प्रोफेशनल कॉल girls और वेश्या आदि के पास जाने से बचें क्योंकि एक छोटी सी भूल भी खतरनाक हो सकती है|
  • घर के बहार शेव करवाने से बचें और यदि आप बहार दाढ़ी बनवाते हैं तो नाई को नया ब्लेड इस्तेमाल करने के लिए कहें और रेजर को भी dettol आदि से धो कर ही प्रयोग में लायें|
  • यदि आप डॉक्टर से सुई यानि इंजेक्शन लगवाते हैं तो हमेशा ये ध्यान रखें की सुई नयी हो| यदि को हॉस्पिटल का कर्मचारी पुरानी सुई इस्तेमाल करता है तो उसे ऐसा न करने दें और उसकी शिकायत करें|
  • यदि आपको, आपके friend और किसी परिवार वाले को खून की जरुरत है तो खून चढ़वाने से पहले उस खून की HIV जांच जरुर करवा लें|

तो मेरे भारत वासियों आपने यहाँ जाना की HIV और AIDS में क्या अंतर है, इसके फैलने के कारण, लक्षण, HIV जांच और बचाव के तरीके आदि के बारे में| इस जानकारी के आधार पर एक बात तो पक्की है और वो ये है की HIV से बचाव ही इसका उपचार है| तो दोस्तों ऐसी कोई भूल या गलती न करें जिनसे आपको इस जानलेवा बीमारी का शिकार होना पड़े|

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लोगों की इतनी help की लेकिन हमारी नयी वेबसाइट like नहीं की अभी तक 😥

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