सांडे से तेल कैसे बनाते हैं या कैसे निकालते हैं जानने से पहले यह जान लीजिए कि सांडे का तेल लड़कों से लेकर बूढ़े बुजुर्ग शौकीन लोग करते हैं| सांडे के तेल का इस्तेमाल लिंग का टेड़ापन पतलापन छोटापन आदि दूर करने के लिए किया जाता है| सांडा एक प्रकार की छिपकली होती है जो कि गर्म रेगिस्तान और शुष्क वातावरण में पाई जाती है| इसकी लंबाई 2 फुट तक हो सकती है और यह छिपकली 20 तक अंडे दे सकती है जिनमें से कुछ ही सही बच पाते हैं|
सांडे का तेल पुरुषों द्वारा यौन रोगों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि छिपकली की तासीर यानी प्रकृति गर्म होती है इसलिए इसको लिंग वर्धक तेल के रूप में काफी अधिक इस्तेमाल किया जाता है|
किसे पकड़ना एक बहुत ही मुश्किल काम है जिसे की बहुत एक्सपीरियंस वाले लोग ही कर पाते हैं तो चलिए जानते हैं सांडे का तेल कैसे निकाला जाता है य संडा ऑयल कैसे बनता है
कैसे बनता है सांडे का तेल
देखिए दोस्तों संडे का तेल निकालने के लिए सांडे के पुंछ के नीचे ग्रंथि पाई जाती है जिस को गर्म करके थोड़ा सा तेल निकाल लिया जाता है इस तेल को दूसरे तेलों के साथ मिलाकर दवाइयां और तेल बनाए जाते हैं| सांडे का तेल का इस्तेमाल जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को ठीक करने के लिए भी किया जाता है|
नीम हकीमो के पास मिलता है सांडे का तेल
यदि अब आपको असली सांडे का तेल चाहिए तो वह पुराने नीम हकीम के पास ही मिलेगा बाजार में पाए जाने वाले सांडे के तेल को कलौंजी सरसों के तेल के अंदर कुछ जड़ी बूटियां मिलाकर तैयार किया जाता है ताकि उसकी प्रकृति गर्म रह सके और लगाने वाले लिंग में खून का दौरा बढ़ सके और उससे स्तंभन दोष की समस्या ना हो
आजकल आयुर्वेदिक सांडा तेल अधिक मिलता है
आजकल लोग दूसरे फार्मूले का ही इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि वन्यजीवों को मारना गैरकानूनी है और संडे की प्रजाति को विलुप्त जाति माना जाता है| इसलिए दोस्तों यदि आपको असली सांडे का तेल चाहिए तो पुरानी नीम हकीम ओं से मिलिए और जितना हो सके छिपकली के मारने का विरोध कीजिए ताकि कोई विलुप्तप्राय जीव बिना बात के मारा ना जाए|