pregnancy यानि गर्भावस्था अपने साथ कई सारी चुनौतियाँ लेकर आती है और उनमें से ही एक है pregnancy के दौरान fever होना यानि बुखार आना| वैसे तो हल्का फुल्का fever pregnancy के शुरुवाती तीन महीनो में होना कोई बड़ी समस्या नहीं होती जिसके बार में आपको कोई खास चिंता करने की जरुरत पड़े| लेकिन चिंता की बात ताब होती है जब बुखार 102 डिग्री से ज्यादा हो और इस स्तिथि में तुरंत अपने डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए कयोंकि सही समय पर सही इलाज करवा लेना ही आपके और आपके होने वाले बच्चे के लिए फायदेमंद होगा|102डिग्री से अधिक का बुखार बच्चे को काफी नुकसान पंहुचा सकता है क्योंकि शुरुवात में आपका बच्चा कमजोर होता है और वो अपनी सुरक्षा नहीं कर सकता| normal से अधिक शरीर का तापमान होना कभी कभी बच्चे के लिए जानलेवा भी हो सकता है|
Pregnancy में बुखार आना के बच्चे को नुकसान क्या हो सकते हैं?
आपके शरीर में पाए जाने वाले प्रोटीन बच्चे का शारीरिक विकास करते हैं लेकिन इन प्रोटीन्स को सही तरह से कार्य करने के लिए सही तापमान की जरुरत होती है | pregnancy में बुखार होने के कारण जब आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है तो ये प्रोटीन अपना कार्य नहीं कर पाते जिसका असर आपके बच्चे के विकास को सीधे रूप से प्रभावित करता है | इसलिए ज्यादा बुखार रहने से ये पूरी सम्भावना रहती है की आपका बच्चा birth defects के साथ पैदा होगा| इसके साथ दूसरी समस्या गर्भपात (miscarriage) की भी होती है|
जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बुखार की समस्या होती है उन्हें कभी भी गर्म पानी से स्नान या ऐसे कोई काम नहीं करने चाहिए जिनसे उनके शरीर का तापमान बढे| ऐसी महिलाओं को rest लेना चाहिए| अधिक तापमान आपके गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए घातक हो सकता है| pregnancy के कुछ महीनों बाद हल्का फुल्का बुखार होने से आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं क्योंकि इस समय आपका बच्चा पहले से ज्यादा विकास कर लेता है और तापमान के उतार चदाव सहन करने लायक हो जाता है| दुसरे और तीसरे तेमाही में सामान्य बुखार से बच्चे को जयादा नुकसान पहुँचने के chances कम होते जाते हैं लेकिन फिर भी यह जरुरी होता है की आप बुखार से बचने के सभी तरीके अपनाएं ताकि आपको और आपके होने वाले शिशु को कोई परेशानी न हो|
प्रेगनेंसी में बुखार होने से बचाव के तरीके
यहाँ कुछ तरीके और उपाय दिए गाये हैं जिन्हें अपनाकर आप बुखार को दूर रख सकती हैं और यदि बुखार है तो अपने शरीर के तापमान को control में रख सकती हैं|
अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें क्योंकि डिहाइड्रेशन यानि पानी की कमी से शरीर का तापमान बढ़ता है जो की आपके और आपके अजन्मे बच्चे के लिए नुकसानदायक होता है| इसलिए दिन में प्रयाप्त मात्रा में पानी पीकर अपने आपको हाइड्रेट रखने की कोशिश करें|
प्रयाप्त आराम लीजिये और ऐसा कोई काम ना करें जिससे आपको थकावट हो और आपके शरीर में गर्मी पैदा हो|
शरीर पर हलके फुल्के कपडे पहन कर रखें और हो सके तो undergarments पहनने से परहेज करें और यदि जरुरी हो तो हलके फुल्के कॉटन के undergarments ही पहने|
अपनी साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखिये और सही personal hygiene habits अपना कर अपने आपको संक्रमण होने से मुक्त रखें| अपने कपडे समय समय पर बदलते रहिये खास कर अपने undergarments.
कभी भी अपने आप बुखार कम करने वाले दवा न लें हमेशा गोली लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें और आपका डॉक्टर जो भी दवा देता है use टाइम पर लें|
सर्दी जुखाम से बचने के लिए अपने डॉक्टर से पूछकर सही इलाज पाएं ताकि आपको pregnancy के दौरान उनका सामना न करना पड़े|
बुखार का सही कारण पता करें क्योंकि जरुरी नहीं बुखार pregnancy के कारण ही हो और बहुत से कारण जैसे UTI, stomach इन्फेक्शन, फ़ूड Poisoning, थाइरोइड में प्रॉब्लम, किडनी इन्फेक्शन, गले में इन्फेक्शन आदि हो सकते हैं जिनके बारे में आपको और आपके डॉक्टर को पता होना चाहिए|
हमेशा हलके फुल्के पोषक आहार ही खाइए और ऐसी चीज़ों से बचें जिनसे शरीर का तापमान बढ़ता हो जैसे शराब का सेवन, गरम तासीर के खाद्य पदार्थ आदि|
बीमार लोगों से दूरी बनाये रखिये ताकि आपका इन्फेक्शन से बचाव हो सके|
क्या करें यदि बुखार अपने आप ठीक हो जाये?
देखिये हो सकता है बुखार दिन में ठीक हो जाये लेकिन रात में बढ़ जाये इसलिए बेहतर यही होगा की जैसे ही बुखार का पता चले तुरंत अपने डॉक्टर से मिलकर इलाज करवा लें| pregnancy मं छोटी सी रिस्क लेने से भी नुकसान हो सकता है| कभी भी खुद के डॉक्टर न बने और अपने आप कोई दवा न लें|
कब डॉक्टर से मिलना बेहद जरुरी होता है?
यदि आपको बुखार के साथ तेज ठण्ड, सांस लेने में परेशानी, पेट में दर्द, कमर दर्द आदि कोई लक्षण है तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें|
ये सच है की pregnancy में बुखार होना एक आम बात है जिसे रोका नहीं जा सकता लेकिन पता होने पर fever को आसानी से control जरुर किया जा सकता है| अपने आपका का सही खेयाल रखिये जिससे आप और आपका बच्चा स्वस्थ और सेहतमंद रह सकें| समय समय पर डाक्टरी जांच करवाना न भूलें|